उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के न्यायमूर्ति संजय यादव एवं न्यायमूर्ति एसके अवस्थी की युगलपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता एचडी गुप्ता तथा दो अन्य जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए। न्यायालय ने यह भी पूछा कि इन आवारा पशुओं को जहां रखा जाता है वहां क्या व्यवस्था है। मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि जब वे घर जाते हैं तो रास्ते में उन्हें 70 से 100 आवारा पशु सड़क पर मिलते हैं। पूर्व में प्रतिदिन कार्यवाही के भी आदेश दिए गए थे। जिस पर निगम एक–दो दिन कार्यवाही करता है उसके फोटो खिंचवाता है फिर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देता है इसके बाद फिर वैसे ही छोड़ दिया जाता है।
अब तक कितने लोगों पर की कार्रवाई कोर्ट ने पूछा कि आवारा जानवरों को छाडऩे वाले लोगांें पर क्या कोई नियम है अगर है तो उस नियम के तहत कितने लोगों पर कार्रवाई की गई है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इस मामले में ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी। वरिष्ठ अधिवक्ता गु़प्ता की याचिका के साथ ही आवारा सांडों के हमलों से हुई मौत के बाद प्रस्तुत अन्य जनहित याचिता पर भी इसी याचिका के साथ सुनवाई हुई। बाड़े पर पार्किंग को लेकर याचिका को भी इसी याचिका के साथ सुना गया।