ग्वालियर

नायब तहसीलदार तो अवमानना से मुक्त हो गए, उनके वकील का जब्त हो गया मोबाइल

न्यायालय के आदेश के बाद गोला का मंदिर की कीमती जमीन हुई सरदार निर्मल सिंह के नाम

ग्वालियरNov 20, 2019 / 07:48 pm

Rajendra Talegaonkar

नायब तहसीलदार तो अवमानना से मुक्त हो गए, उनके वकील का जब्त हो गया मोबाइल

ग्वालियर। उच्च न्यायालय ने आदेश का पालन होने पर नायब तहसीलदार आरएन खरे के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई को समाप्त कर दिया लेकिन खरे के अधिवक्ता नितिन अग्रवाल द्वारा अदालत की कार्रवाई के दौरान ही मोबाइल पर बात करने के प्रयास पर उनका मोबाइल जब्त कर लिया गया।
न्यायमूर्ति जीएस अहलुवालिया ने सरदार निर्मल सिंह द्वारा प्रस्तुत अवमानना याचिका का निराकरण करते हुए उक्त निर्देश दिए। नायब तहसीलदार ने एडवोकेट नितिन अग्रवाल के माध्यम से न्यायालय में याचिकाकर्ता के नामांतरण से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किए। न्यायालय ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने जिस प्रकार से आदेश का पालन किया है इससे उनकी सराहना नहीं की जा सकती है। लेकिन याचिकाकर्ता के वकील द्वारा आदेश का पालन होने पर संतुष्टि व्यक्त करने पर मामले का निराकरण कर दिया गया। शहर के विवादित जमीन के मामलों में एक इस गोला का मंदिर के पास की कीमती जमीन के मामले शासन निचली अदालत से सर्वोच्च अदालत तक हार चुका था। वहीं शासन लोहामंडी की जमीन भी हार चुका है। गोला का मंदिर की इस जमीन के मामले में निर्मल सिंह ने सरकारी दस्तावेजों में उसका नामांतरण किए जाने का आवेदन दिया था लेकिन जब नामांतरण नहीं हुआ तब यह अवमानना याचिका प्रस्तुत की गई।
इस मामले की सुनवाई के दौरान सुबह जब न्यायालय ने एडवोकेट अग्रवाल से पूछा कि नायब तहसीलदार न्यायालय में मौजूद क्यों नहीं है। इस पर अग्रवाल ने तभी अपनी जेब से फोन निकाला और एेसा लगा कि वे नायब तहसीलदार को फोन लगा रहे हैं। तब न्यायालय के निर्देश पर अधिवक्ता के फोन को जब्त कर लिया गया। न्यायालय ने कहा कि न्यायालय में इस प्रकार के व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती। अगर अवमानना करने वाले नायब तहसीलदार आरएन खरे न्यायालय में उपस्थित नहीं है तो अधिवक्ता उन्हें बुलाने के लिए अनुमति लेकर बाहर जा सकते थे। न्यायालय ने मोबाइल को प्रिंसिपल रजिस्ट्रार को भेजते हुए नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिए।
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