न्यायमूर्ति शील नागू एवं न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया की युगलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश शासन, कलेक्टर व नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी किए हैं। एडवोकेट अमिप्रबल एवं आलोक कटारे द्वारा प्रस्तुत याचिका में कहा गया कि शहर में अधिकांश कोचिंग सेंटर ऐसे हैं जहां किसी हादसे से बचाव के लिए कोई प्रबंध नहीं हैं। इस सेंटरों में न तो अग्निशमन यंत्र हैं, न ही इनके प्रवेश द्वार एवं निकास द्वार ठीक हैं।
याचिका में कहा गया कि गुजरात के सूरत में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने से बच्चों को अपनी जान गवानी पड़ी यह अत्यंत दुखद है। याचिकाकर्ता का कहना था इन संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था न होने के लिए जो जिम्मेदार हैं उन पर कार्रवाई भी होनी चाहिए। आखिर ऐसे संस्थानों को कैसे संचालित करने दिया जा रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि शहर में भी ऐसा हादसा हो सकता है। इन सेंटरों का संचालन नियम विरुद्ध किया जा रहा है।
याचिका में प्रत्येक सेंटर का निरीक्षण कर तब ही संचालित करने की अनुमति दिए जाने के निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है, जब तक कि वहां सुरक्षा के पूर्ण प्रबंध नहीं किए जाते हैं। याचिकाकर्ता का कहना है किछात्र इस देश का भविष्य हैं और उनके जीवन से खिलवाड़ की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है।