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हर्जाने की राशि याचिकाकर्ता से मांगी, हाईकोर्ट ने दिए लोकायुक्त पुलिस से जांच के आदेश

locationग्वालियरPublished: Oct 17, 2019 06:24:35 pm

-उच्च न्यायालय ने शासन पर जवाब नहीं देने पर लगाया था २० हजार का हर्जाना, -याचिकाकर्ता ने शपथ पत्र पर कहा राजस्व अधिकारी और एसडीएम के स्टेनों ने मांगी हर्जाने की राशि

हर्जाने की राशि याचिकाकर्ता से मांगी, हाईकोर्ट ने दिए लोकायुक्त पुलिस से जांच के आदेश

हर्जाने की राशि याचिकाकर्ता से मांगी, हाईकोर्ट ने दिए लोकायुक्त पुलिस से जांच के आदेश

ग्वालियर। शासन पर लगाई गई २० हजार रुपए की हर्जाने की राशि को याचिकाकर्ता से मांगे जाने का मामला सामने आने पर उच्च न्यायालय ने
हर्जाने की राशि मांगने वाले राजस्व अधिकारी तथा एसडीएम के स्टेनों
के खिलाफ एसपी लोकायुक्त को जांच के निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने
जांच के लिए प्रिंसिपल रजिस्ट्रार उच्च न्यायालय ग्वालियर को आदेश की काऊपी एसपी लोकायुक्त को भेजने के निर्देश दिए हैं।
न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया ने पटवारी सुमित्रा करैया २०११ में राजस्व निरीक्षक के पद पर पदोन्नति के लिए परीक्षा दी थी। वर्ष २०१६ में कम अंक वाले को पदोन्नती दे दी। इस पर सुमित्रा ने न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की
थी। इस मामले में जवाब नहीं देने पर उच्च न्यायालय ने शासन पर बीस हजार रुपए का हर्जाना लगाया था। इस मामले में याचिकाकर्ता सुमित्रा करैया ने न्यायालय में उपस्थित होकर बताया कि राजस्व अधिकारी गणेश राम हरिओद तथा एसडीएम डबरा के स्टेनो राजेश सैनिक ने उनसे हर्जाने की राशि की मांग की है। प्रकरण को याचिकाकर्ता द्वारा यह बात शपथ पत्र पर देने के लिए लंच के बाद सुनवाई के लिए रखा गया।
न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा राजस्व अधिकारी और एसडीएम पर २० हजार रुपए मांगे जाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। उसी समय न्यायालय को बताया गया कि इस मामले में हर्जाने की राशि जमा करा दी गई है। न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच यह न्यायालय नहीं कर सकता है इसलिए उन्होंने प्रिंसिपल रजिस्ट्रार को निर्देश दिए कि वे इस आदेश की कापी प्रकरण की जांच के लिए लोकायुक्त पुलिस को भेजें। इसके साथ ही न्यायालय ने गणेशराम हरिओद, राजस्व अधिकारी तथा राजेश सैनिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई प्रारंभ की जाए।
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