न्यायमूर्ति जीएस अहलुवालिया ने न्यायालय में हाजिर वरिष्ठ अधिकारियों को कठोर हिदायत देते हुए कहा कि आखिर उन्हें कितना समय चाहिए आदेश का पालन करने के लिए। जिन कर्मचारियों को संविलियन करना था उन्हें संविलियन के संबंध में आदेश तो दे दिए लेकिन संविलियन नहीं किया जा रहा था। न्यायालय ने कहा कि अब उन्हें और समय नहीं दिया जा सकता है। न्यायालय ने इन अधिकारियों से कहा कि अगर कोई वाजिब कारण है तो वे बताएं। तिलहन संघ के बंद होने पर शासन द्वारा विभाग के कर्मचारियों का अन्य विभागों में संविलियन किए जाने के निर्णय के बाद कुछ कर्मचारियों का संविलियन तो शासन द्वारा कर दिया गया था। लेकिन कुछ कर्मचारियों का संविलियन लटक गया था। इस पर कर्मचारी राकेश कुमार, रामवरन सविता, महेश रायकवार, हजारीलाल यादव ने उनका भी संविलियन किए जाने के लिए शासन के समक्ष आवेदन दिए। जब उनके आवेदन पर निर्णय नहीं हुआ तो उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की। इस पर न्यायालय ने इन कर्मचारियों का संविलियन किए जाने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। उच्च न्यायालय ने इन कर्मचारियों का संविलियन किए जाने के निर्देश दिए। न्यायालय के आदेश का पालन नहीं होने पर सभी कर्मचरियों ने एडवोकेट आलोक कटारे के माध्यम से अवमानना याचिका प्रस्तुत की।