न्यायमूर्ति शील नागू एवं न्यायमूर्ति राजीव कुमार श्रीवास्तव की युगलपीठ ने मदन सिंह कुशवाह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश तब दिए जब निगम की ओर से फिर कहा गया कि जिम्मेदार अधिकारियों की सूची बनाने में अभी तीन माह का समय और लग सकता है। दरअसल १२ सितंबर २०१९ को न्यायालय ने नगर निगम को जिम्मेदार अधिकारियों की सूची पेश करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद जब भी यह मामला सुनवाई में आया निगम की ओर से हर बार यह कहा जा रहा था कि अधिकारियों की जानकारी लेने में चार माह लगेंगे। इस बार निगम की ओर से एक माह कम कर कहा गया कि तीन माह लगेंगे।
सौ अधिकारियों की बनीं सूची पिछली सुनवाई पर न्यायालय ने इस संबंध में निगम के अपर आयुक्त को हाजिर होने के निर्देश दिए थे। इस निर्देश पर अदालत में हाजिर राजेश श्रीवास्तव ने जब यह कहा कि तीन माह और लगेंगे तो न्यायालय ने कहा कि अब और समय नहीं दिया जा सकता है एक माह में रिपोर्ट तैयार करके लाएं। निगम की ओर से बताया गया कि निगम ने अभी तक सौ जिम्मेदार अधिकारियों की सूची बना ली है।न्यायालय के निर्देश के अनुसार निगम को यह भी बताना है कि वर्तमान में जिम्मेदार अधिकारी कहां पदस्थ हैं। जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करना निगम का दायित्व है।
चार्ट में भरकर बताएं कहां की कार्रवाई उच्च न्यायालय ने नगर निगम को निर्देश दिए कि न्यायालय में तलघरों पर कार्रवाई का प्लान पेश किया गया है, उस चार्ट में एक कालम और पालन प्रतिवेदन का बढ़ाया जाए। जहां कार्रवाई की गई है उसकी स्थिति उस कालम में दर्शित की जाए। न्यायालय ने निगम की कार्रवाई पर नाराजगी भी जताई। न्यायालय ने प्रकरण को अगले माह सुनवाई के लिए लगाया है।