ग्वालियर

हाईकोर्ट ने सिंध से अवैध उत्खनन की जांच सीजेएम भिंड को सौंपी

सीजेएम के नेतृत्व में कमेटी हाईकोर्ट के आदेश का पालन हुआ या नहीं इसकी करेगी जांच

ग्वालियरDec 13, 2019 / 08:02 pm

Rajendra Talegaonkar

हाईकोर्ट ने सिंध से अवैध उत्खनन की जांच सीजेएम भिंड को सौंपी

ग्वालियर। उच्च न्यायालय ने सिंध नदी से रेत के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए २ जुलाई १९ को दिए गए आदेश का अधिकारियों ने पालन किया है या नहीं इसकी जांच के लिए मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी भिंड के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया है। शासन को यह भी स्पष्ट करना होगा कि अवैध रेत उत्खनन की निगरानी सैटेलाइट के माध्यम से की जा सकती है अथवा नहीं। जांच के दौरान कोई बाधा न आए इस उन्हें पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश भी न्यायालय ने दिए हैं।
उच्च न्यायालय ने लक्ष्मीनारायण सिकरवार द्वारा प्रस्तुत जनहित याचिका पर यह निर्देश तब दिए जब इस मामले में शासन द्वारा समय पर प्रतिपालन रिपोर्ट पेश नहीं की। २ जुलाई १९ को उच्च न्यायालय ने शासन को निर्देश दिए थे अवैध उत्खनन को रोकने के लिए शासन कठोर कदम उठाए, इसके साथ ई-रॉयल्टी व्यवस्था लागू करने के भी आदेश दिए थे।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि सीजेएम के नेतृत्व में गठित कमेटी यह देखेगी कि न्यायालय के आदेश के बाद अवैध उत्खनन पर किस हद तक रोक लगाई गई है। न्यायालय ने एसपी भिंड को निर्देश दिए हैं कि वे सीजेएम को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराएंगे जिससे कि जांच में कोई बाधा न आए।
उच्च न्यायालय ने यह दिए थे निर्देश
-अवैध उत्खनन रोकने के लिए अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में चैक पोस्ट स्थापित किए जाएं।
-उत्खनन में लगे वाहनों को जीपीएस से लैस किया जाए।
-मैन्युअल रॉयल्टी चालान व्यवस्था को इलेक्टोनिक चालान व्यवस्था में बदला जाए, यह व्यवस्था प्रति घंटे के हिसाब से सीमित अवधि वाली होना चाहिए।
-अवैध उत्खनन पर रोक लगाने के लिए तैनात अधिकारियों को साधन मुहैया कराए जाएं।
-जहां अवैध उत्खनन हो रहा है वहां प्रवेश एवं निकासी पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए जाएं।
-अवैध खदानों को बंद करने के लिए कदम उठाएं जाएं।
-खदानों से होने वाले उत्खनन में रिमोट सेंसिंग तकनीकी का इस्तेमाल किया जाए।
६.९६ करोड का किया गया जुर्माना
इस मामले में शासन द्वारा पांच माह पूर्व न्यायालय के निर्देश पर प्रस्तुत जवाब में कहा गया कि शासन द्वारा अवैध उत्खनन में लगे लोगों पर निरंतर कार्रवाई की जा रही है। वर्ष २०१८-१९ में अवैध उत्खनन में लगे लोगों पर १०६३ मामले दर्ज किए गए। इनमें अवैध रेत के खनन के १४ मामले थे। १०२२ मामले अवैध रेत के परिवहन पर दर्ज किए गए। इसके अलावा अवैध भण्डारण करने वाले २७ लोगों पर भी मामले दर्ज किए गए। इस दौरान अवैध उत्खनन में लगे लोगों पर ६ करोड ९६ लाख १० हजार रुपए का जुर्माना किया गया।

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