न्यायमूर्ति आनंद पाठक ने जवान को सशर्त जमानत देते हुए कहा कि संवेदनशील क्षेत्र में तैनात होने वाले जवानों की सार्वज्निक प्लेटफॉर्म पर भागीदारी पर विचार होना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि इस मामले की आदेश की प्रति इसलिए डीजी बीएसएफ को भेजी जाए जिससे कि यह पता चले कि किस प्रकार के मामले आ रहे हैं और वे कितने संवेदनशील हैं, जिससे कि बीएसएफ इस प्रकार की समस्या से निपटने के लिए कार्यक्रम चला सके।
बलात्कार के मामले में आरोपी ने अपने आवेदन में कहा कि उसके खिलाफ बलात्कार की शिकायत की गई है वह झूठी है। फरियादिया ने उससे पैसे की वसूली करने के लिए यह रिपोर्ट दर्ज कराई थे। उसे इस शिकायत पर ४ नवंबर १९ को गिरफ्तार किया गया था, और वह तभी से जेल में है। आरोपी का कहना था कि उक्त महिला जो कि पहले से ही विवाहित है एवं उसे एक बच्ची भी है। उस पर शादी के लिए दबाव डाल रही थी। शादी से मना करने पर उसने यह मामला दर्ज कराया है। फेसबुक के जरिए दोनों के बीच दोस्ती हुई थी, और इसी दोस्ती के चलते वे मिलने-जुलने लगे थे। याचिकाकर्ता ने न्यायालय से यह भी कहा कि उसने इस घटना से सबक सीखा है और वह भविष्य में फेसबुक को व्यक्तिगत रुप से उपयोग नहीं करेगा। इस मामले में शासन की ओर से आरोपी के जमानत आवेदन का विरोध किया गया था।