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मुख्य चुनाव अधिकारी एवं आयुक्त को अवमानना का दोषी माना

locationग्वालियरPublished: Feb 17, 2020 11:57:10 pm

उच्च न्यायालय ने सजा के प्रश्न पर दोनों की सुनवाई १८ मार्च को

मुख्य चुनाव अधिकारी एवं आयुक्त को अवमानना का दोषी माना

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ग्वालियर। उच्च न्यायालय ने नगर पालिका परिषद नरवर के चुनाव कराए जाने के आदेश का पालन नहीं किए जाने के मामले में मुख्य चुनाव अधिकारी वीएल कांता तथा आयुक्त बीपी सिंह को अवमानना का दोषी मान लिया है। न्यायालय ने सजा के प्रश्न पर सुनवाई के लिए प्रकरण को १८ मार्च को लगाया है।
न्यायमूर्ति जीएस अहलुवालिया ने यह आदेश बृजेश सिंह तोमर द्वारा पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता अरविंद दूदावत के माध्यम से प्रस्तुत अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। न्यायालय ने अपने आदेश मेें कहा कि मुख्य चुनाव अधिकारी एवं आयुक्त द्वारा जानबूझकर न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया। इस कारण दोनों अधिकारियों को अवमानना का दोषी ठहराया जाता है। यह है मामला नगर पालिका परिषद नरवर का कार्यकाल पूरा होने पर छह माह के अंदर उसके चुनाव कराए जाने थे। फरवरी २०१८ को परिषद का कार्यकाल पूरा हो गया था। राज्य चुाव आयोग ने चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की लेकिन अगले ही दिन १० जुलाई १८ को अधिसूचना को निरस्त कर दिया। इस आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता द्वारा याचिका प्रस्तुत की गई जिस पर २५ अप्रैल १९ को न्यायालय ने निर्देश देते हुए चुनाव को रोके जाने १० जुलाई १८ के आदेश को निरस्त कर दिया। इसके साथ ही चुनाव प्रक्रिया को फिर से प्रारंभ किए जाने के आदेश दिए थे। । साथ ही चुनाव प्रक्रिया को जल्द से जल्द समाप्त करने के निर्देश भी दिए गए। यह चुनाव उपलब्ध आंकडों के आधार पर कराने के निर्देश दिए गए थे। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने ५० हजार रुपए का हर्जाना भी शासन पर लगाया था। याचिकाकर्ता को पांच हजार रुपए देने के आदेश भी दिए गए। स्पष्ट आदेश के बाद भी शासन द्वारा चुनाव की प्रक्रिया को प्रारंभ नहीं किया गया। राज्य शासन की ओर से कहा गया कि आरक्षण की प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण होने के कारण चुनाव कार्यक्रम को स्थगित करने का अनुरोध किया गया।

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