ग्वालियर

हाईकोर्ट ने नगर निगम को लगाई फटकार, कहा-न्यायालय कहेगा तभी कार्रवाई करेंगे, जानिए क्या है मामला

न्यायमूर्ति संजय यादव एवं न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की युगलपीठ ने निगम के अधिवक्ता से कहा कि रॉक्सी से मेडिकल कॉलेज तक लगे बैनर, होर्डिंग्स और पोस्टर देखकर आएं और रिपोर्ट पेश करें। इसके बाद प्रकरण को लंच के बाद सुनवाई के लिए रख लिया गया।

ग्वालियरJul 13, 2019 / 01:26 am

Rahul rai

हाईकोर्ट ने नगर निगम को लगाई फटकार, कहा-न्यायालय कहेगा तभी कार्रवाई करेंगे, जानिए क्या है मामला

ग्वालियर। होर्डिंग्स मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान नगर निगम की फिर किरकिरी हो गई। उच्च न्यायालय ने निगम से कहा रॉक्सी से मेडिकल कॉलेज तक आपने देखा है कितने होर्डिंग्स, बैनर और पोस्टर लगे हैं? क्या न्यायालय कहेगा तभी कार्रवाई करेंगे। न्यायमूर्ति संजय यादव एवं न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की युगलपीठ ने निगम के अधिवक्ता से कहा कि रॉक्सी से मेडिकल कॉलेज तक लगे बैनर, होर्डिंग्स और पोस्टर देखकर आएं और रिपोर्ट पेश करें। इसके बाद प्रकरण को लंच के बाद सुनवाई के लिए रख लिया गया।
 

हाईकोर्ट के आदेश के बाद निगम की टीम मौके पर पहुंची और उसने बैनर पोस्टर हटाकर अपनी रिपोर्ट पेश की। कार्रवाई के कुछ फोटो ग्राफ भी प्रस्तुत किए। इस पर न्यायालय ने कहा कि क्या न्यायालय के कहने पर ही कार्रवाई करेंगे। इस पर निगम की ओर से कहा गया जो बैनर पोस्टर घरों पर लगे हुए हैं उन्हें छूट मिली हुई है। जो नियम विरुद्ध होर्डिंग्स व बैनर पोस्टर लगाते हैं उन पर कार्रवाई की जाती है, लेकिन वे फिर लगा लेते हैं। इस पर न्यायालय ने कहा कि ऐसे लोगों पर न्यूसेंस के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की जाती। निगम का कहना था कि निगम द्वारा संपत्ति विरूपण के तहत कार्रवाई की जाती है। इस पर निगम ने एफआईआर की कॉपी भी प्रस्तुत की।
 

जुर्माना वसूली में गड़बड़ी
याचिकाकर्ता सुमन सिंह सिकरवार ने न्यायालय से कहा कि नगर निगम द्वारा अवैध होर्डिंग संचालकों से जो जुर्माना राशि वसूल की जा रही है वह कम अवधि को लेकर की जा रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारी उनका बचाव कर निगम को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कुछ ही लोगों पर कार्रवाई की गई है, जबकि अवैध होर्डिंग्स दो सैंकड़ा से अधिक हैं, इनमें से अभी तक केवल तीन लोगों से ही वसूली हो सकी है। अन्य लोगों को निगम ने केवल नोटिस देकर छोड़ दिया है।
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