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हाईकोर्ट ने सोने की ईंटें देने से किया इंकार, कहा-भ्रष्टाचार जघन्य अपराध से ज्यादा संगीन, जानिए क्या है मामला

locationग्वालियरPublished: Jul 11, 2018 11:54:16 pm

Submitted by:

Rahul rai

वर्ष 2006 से 2010 के बीच हुए 600 करोड़ से भी अधिक के घोटाले में ईओडब्ल्यू ने बरजोर सिंह के निवास पर छापामार कर सोने की एक-एक किलो की ईंटें बरामद की थीं

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हाईकोर्ट ने सोने की ईंटें देने से किया इंकार, कहा-भ्रष्टाचार जघन्य अपराध से ज्यादा संगीन, जानिए क्या है मामला

ग्वालियर। हरसी हाईलेवल महाघोटाले में आरोपी कार्यपालन यंत्री बरजोर सिंह यादव के घर से आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा छापे में जब्त की गईं दो सोने की ईंटें तथा सोने चांदी के जेवर वापस नहीं किए जाएंगे। आरोपी की मां रमना बाई ने ब्यूरो से इन्हें वापस दिलाने के लिए याचिका प्रस्तुत की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति आनंद पाठक ने अपने आदेश में कहा कि भ्रष्टाचार का यह मामला जघन्य अपराध से ज्यादा संगीन है, इसलिए याचिकाकर्ता को कोई लाभ नहीं दिया जा सकता।
न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा उम्र का आधार बनाते हुए याचिका प्रस्तुत की गई है, प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उम्र के आधार पर उन्हें लाभ नहीं दिया जा सकता है। वर्ष 2006 से 2010 के बीच हुए 600 करोड़ से भी अधिक के घोटाले में ईओडब्ल्यू ने बरजोर सिंह के निवास पर छापामार कर सोने की एक-एक किलो की ईंटें बरामद की थीं।
इसके अलावा जेवर तथा चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए थे। ब्यूरो के अनुसार एक करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की गई थी। आरोपी की मां ने याचिका में कहा कि ईओडब्ल्यू ने जो सोना और अन्य सामग्री बरामद की है, वह उनकी पैतृक संपत्ति है। उन्होंने पुराने सोने को गलवाकर ईंटों के रूप में रखा था।
याचिकाकर्ता का कहना था कि उनकी उम्र 86 साल हो चुकी है, इसलिए वे अपने सामने इस संपत्ति का निराकरण चाहती हैं, इसलिए उन्हें उनकी संपत्ति दिलाई जाए।

संयुक्त अरब अमीरात की सील लगी है ईंटों पर
ईओडब्ल्यू के अधिवक्ता सुशील कुमार चतुर्वेदी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जो ईंटें बरामद हुई थीं, उन पर संयुक्त अरब अमीरात की सील लगी है। जो बिल प्रस्तुत किए गए हैं उनकी जांच कराने पर पता चला कि जिस दुकान के बिल हैं, वहां संयुक्त अरब अमीरात का सोना नहीं मिलता है।
चल रही है राजसात की कार्रवाई
अधिवक्ता चतुर्वेदी का कहना था कि ब्यूरो द्वारा बरजोर सिंह के यहां से जब्त की गई संपत्ति को राजसात करने की कार्रवाई की जा रही है। याचिकाकर्ता द्वारा पूर्व में इस प्रकार के आवेदन के खारिज होने के तथ्य भी न्यायालय से छुपाए गए हैं। याचिकाकर्ता द्वारा यह भी कहा गया कि उनकी संपत्ति कहां है, इसकी उन्हें जानकारी दी जाए, इसका भी विरोध किया गया, उन्हें यह जानने का हक नहीं है।
यह हैं आरोपी
इस घोटाले में बरजोर सिंह के अलावा मुख्य अभियंता एचडी जोशी, प्रभारी कार्यपालन यंत्री राजेश कुमार श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री एके दीक्षित, एमएस भदौरिया अनुविभागीय अधिकारी, पीएस बाथम अनुविभागीय अधिकारी, उदय लाले अनुविभागीय अधिकारी, पीएस शर्मा प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी, एके कोडेय, एमएल साहू, डीएस मुंडिया, एमके बराहे, केएन चतुर्वेदी, घनश्याम उपाध्याय, जीएन सिंह व अन्य उपयंत्रीगण व कर्मचारी, ठेकेदार आरोपी हैं। सभी के खिलाफ भादवि की धारा 120 बी, 420, 409 एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला चल रहा है।
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