यह भी पढ़ें
इस सप्ताह इन 6 राशियों की चमकेगी किस्मत,कहीं आपकी राशि भी तो नहीं?
एसपी को जांच में यह बताना होगा कि किन परिस्थितियों में और किस पुलिस अधिकारी अथवा कर्मचारी की त्रुटि के कारण अथवा जानबूझकर की गई त्रुटि के कारण समय सीमा में चालान पेश नहीं किया जा सका। गिर्राज भार्गव द्वारा जमानत का पहला आवेदन न्यायालय में दिया गया था तब उसके खिलाफ 14 मामले दर्ज होने के कारण उसके आवेदन को खारिज कर दिया गया था। इसके बाद आरोपी ने दूसरा आवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि उसके खिलाफ झूठी रिपोर्ट के आधार पर गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। यह भी पढ़ें
देश की सबसे दिलचस्प सीट : राजपरिवार की तीन पीढ़ियां 14 बार यहां से जीत चुकी है चुनाव
पुलिस को 60 दिन में जांच कर चालान पेश कर देना चाहिए था जो नहीं किया गया इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए। वह 10 अक्टूबर 2018 से जेल में है। न्यायालय ने दूसरे आवेदन को स्वीकार करते हुए चालान विलंब से पेश करने के कारण डबरा के थाना प्रभारी को स्पष्टीकरण के साथ तलब किया था जिस पर थाना प्रभारी अभय प्रताप सिंह केस डायरी मय चालान व स्पष्टीकरण के न्यायालय में हाजिर हुए। उनकी ओर से कहा गया कि उन्होंने 4 जनवरी 19 को ही डबरा थाने का प्रभार ग्रहण किया है।
यह भी पढ़ें