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प्रतिबंध के बाद भी पॉलीथिन का धड़ल्ले से उपयोग हैरान करने वाला : हाईकोर्ट

locationग्वालियरPublished: Aug 08, 2018 06:35:54 pm

प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में पॉलीथिन के उपयोग पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध के बाद भी पॉलीथीन के धड़ल्ले से उपयोग पर उच्च न्यायालय ने हैरानी जताते हुए केन्द्र

polythene bag

प्रतिबंध के बाद भी पॉलीथिन का धड़ल्ले से उपयोग हैरान करने वाला : हाईकोर्ट

ग्वालियर। प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में पॉलीथिन के उपयोग पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध के बाद भी पॉलीथीन के धड़ल्ले से उपयोग पर उच्च न्यायालय ने हैरानी जताते हुए केन्द्र व राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है।
न्यायमूर्ति संजय यादव एवं न्यायमूर्ति एके जोशी की युगलपीठ ने गौरव पांडे द्वारा एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया के माध्यम से प्रस्तुत याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिए। याचिका में कहा गया है कि संपूर्ण भरत में प्लास्टिक कैरि बैग जिसे पॉलीथिन कहा जाता है के अंधाधुंध उपयोग से पूरा सिस्टम प्रभावित हो रहा है। शहरों में गंदगी बढ़ी है, सीवर सिस्टम, पानी की निकासी की व्यवस्था, कृषि भूमि खराब हो रही है। जानवर भी प्लास्टिक का कचरा खाकर मर रहे हैं। इसी वजह से प्रदेश सरकार द्वारा पौष्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 जारी किए गए हैं।
यह थे निर्देश
-पान मसाला, तंबाकू और गुटखा की पैकिंग में प्लास्टिक सामग्री के उपयोग पर रोक।
-प्लास्टिक सीट या मल्टी लेयर पैकिंग के खरीदी बिक्री पर रोक।
-प्लास्टिक कैरी बैग के स्थान पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रमाणित व मानकों के अनुरुप बायोबेस्ड कैरी बैग का उपायोग किया जा सकता है।
-निगम व अन्य निकाय प्लास्टिक जलाने पर नियंत्रण रखेंगे।
पांच साल तक का है कारावास
अपशिष्ट प्लास्टिक नियम 2016 के प्रावधानों का उल्लंघन पाये जाने पर पर्यावरण संरक्षण अनिनियम की धारा 1986 की धारा 15 में पांच साल तक का कारावास व एक लाख रुपए के जुर्माने तक का प्रावधान है। 24 मई 17 को जारी की गई अधिसूचना के तहत पॉलीथिन के उत्पादन, संग्रहण, परिवहन एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है। वहीं इसके लिए एक समिति गठन का प्रावधान भी किया गया। जो प्रावधानों को लागू करने के संबंध में समीक्षा करेगी। इस सबके बाद पॉलीथिन के उत्पादन संग्रहण, परिवहन व उपयोग पर रोक नहीं लग सकी है। दुकान, संस्थान, मॉल सहित हर जगह उनका उपयोग हो रहा है। इस कारण स्वच्छ भारत अभियान भी सफल नहीं हो पा रहा है। रोक के लिए शासन द्वारा कोई प्रयास भी नहीं किए गए। उत्तर प्रदेश में सब इंस्पेक्टर से लेकर कलेक्टर को जुर्माना वसूलने के अधिकार से वहां पॉलीथिन पर बेन का असर दिख रहा है। इसी प्रकार कार्रवाई मध्यप्रदेश में प्रारंभ करने के लिए दिशा निर्देश और नियम जरूरी है।
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