कंकड़ भरे टर्फ पर तैयार हो रहे देश के रक्षक, यहां पानी की तरह बहा रहे करोड़ों
शहर में हॉकी को बढ़ावा देने के लिए हॉकी का नया मैदान तैयार हो रहा है। महिला हॉकी अकेडमी में नए मैदान पर टर्फ बिछाने का कार्य शुरू हो गया है। दिसंबर तक

ग्वालियर। शहर में हॉकी को बढ़ावा देने के लिए हॉकी का नया मैदान तैयार हो रहा है। महिला हॉकी अकेडमी में नए मैदान पर टर्फ बिछाने का कार्य शुरू हो गया है। दिसंबर तक हॉकी मैदान पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।
5 करोड़ लागत
शहर में हॉकी स्टेडियम की बात करें तो अभी तीन स्टेडियम हैं जहां पर टर्फ बिछा है। इसमें रेलवे हॉकी स्टेडियम, एलएनआईपीई और महिला हॉकी अकेडमी शामिल हैं। महिला हॉकी अकेडमी में प्रेक्टिस के लिए सिर्फ एक ही मैदान है जिसके कारण खिलाडि़यों को परेशानी होती है। इसके चलते यहां नया मैदान तैयार किया जा रहा है। यह टर्फ 5 करोड़ की लागत से बिछाया जाएगा। टर्फ हॉलेंड से मंगाया गया है। इसे बिछाने के लिए टेक्निकल टीम भी हॉलेंड से आई है। दिसंबर के शुरूआती सप्ताह में यह मैदान भी खेलने के लिए तैयार हो जाएगा।
इधर... रोज सुबह पथरीले मैदान में करते हैं प्रैक्टिस
हॉकी की स्थिति सुधारने के लिए तो सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे रहे हैं और किए भी जा चुके हैं लेकिन इसके उलट एथलेटिक्स की तैयारी करने वाले युवा कंकड़ों में दौडऩे को मजबूर हैं।
रोज सुबह करते हैं तैयारी
एसएएफ ग्राउंड पर रोजाना सैकड़ों युवा सुबह और शाम को फिजिकल की तैयारी करने पहुंचते हैं। कोई फोर्स में भर्ती की तैयारी कर रहा है तो कोई एथलीट बनने की चाह में तैयारी करते हैं। ग्राउंड में दौडऩे का ट्रैक तो बना है लेकिन इस पर इतने कंकड़ हैं कि अगर जूतों में भी दौड़ा जाए तो ये पत्थर आपको चोटिल कर सकते हैं। इसके बावजूद ये युवा यहां दौड़भाग करने को मजबूर हैं।
लॉन्ग जम्प भी खतरनाक
लॉन्ग जंप करते समय युवाओं को नंगे पाव दौड़कर आना होता है जो कि खतरनाक है। जिस गड्डे में युवा जम्प करते हैं उसमें भी कई बार पत्थर निकल आते हैं जिससे चोट लग जाती है।
ट्रैक बने तो फायदा
फिजिकल तैयारी के लिए बड़ी संख्या में युवा ग्राउंड पर आते हैं लेकिन यहां सही व्यवस्था नहीं है अगर दौडऩे के लिए ट्रैक और अन्य गतिविधियों की व्यवस्था हो जाए तो तैयारी में बहुत फायदा होगा। मैं भी आर्मी की भर्ती देख रहा हूं और रोजाना दौडऩे आता हूं।
महेन्द्र सिंह, परीक्षार्थी
टर्फ बिछाने का कार्य शुरू हो गया है। इसके लिए हॉलेंड से टीम आई है, वह अपनी निगरानी में कार्य करा रही है। दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक यह कार्य पूरा हो सकता है। इसके बाद मैदान खेलने के लिए तैयार हो जाएगा।
रामाराव नागले, जिला खेल अधिकारी





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