अवेयर रहकर एंजॉय करें फेस्टिवल
21 मार्च को होली है और एक दिन बाद ही 23 मार्च को 10वीं क्लास का इंग्लिश का पेपर है, जो उनके लिए काफी टफ है। इसी प्रकार 12वीं क्लास का इसी दिन संस्कृत का एग्जाम है। इसके बाद लगातार एग्जाम की श्रंखला जारी रहेगी। इसके लिए जरूरी है कि बच्चे होली खेलें, लेकिन इस तरह से नहीं कि वे बीमार पड़ जाएं या फिर खाने-पीने से डाइजेशन बिगाड़ बैठें। इसके लिए उन्हें अवेयर रहने की आवश्यकता है।
मौसम का विशेष ध्यान रखें
पीडियाट्रिक्स डॉ. विनीत चतुर्वेदी बताते हैं कि इस सीजन में अत्यधिक केयर की आवश्यकता है। क्योंकि सुबह और रात का मौसम सर्द है और दोपहर का गर्म। ऐसे मौसम में बीमार होने के चांसेज अधिक होते हैं। जरूरी है कि बच्चे अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें। होली शाम को बिल्कुल भी न खेलें। हो सके तो केमिकल युक्त रंगों के बजाए नेचुरल कलर का यूज करें। अधिक अबीर का भी प्रयोग न करें। इससे देर तक लगे रहने से स्किन प्रॉब्लम या सिर दर्द जैसी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ सकती है।
अधिक मीठे को एवाइड करें
डाइटीशियन सीमा राणा ने बताया कि होली के टाइम पर घरों में पकवान बनते हैं। लोगों को घर पर आना-जाना भी लगा रहता है। ऐसे में बच्चे खुद की केयर करें। वे मीठे को एवाइड करें। टेस्ट के लिए ले सकते हैं। अपनी डाइट के अकॉर्डिंग लंच, मिल्क, फ्रूट जूस और डिनर लें। अत्यधिक ठंडी चीजों को भी एवाइड करें। क्योंकि मौसम अनुकूल नहीं है।
स्टडी रूम में पैरेंट्स भी पढें
काउंसलर के अनुसार होली बच्चों का प्रिय त्योहार है। ऐसे में बच्चे बिना होली खेले रह ही नहीं सकते। पैरेंट्स को इस बात का ध्यान देने की आवश्यकता है कि बच्चे को दोपहर दो से तीन घंटे के लिए होली खेलने दें। इसके बाद उसे मनाकर पढऩे के लिए बैठालें और खुद भी उसके पास पसंदीदा बुक पढ़ें। इससे उसका पढ़ाई में मन लगेगा। बच्चे मीठा खाने की जिद करें तो हल्का ही दें और सारी चीजें फ्रेश दें।