ग्वालियर

शहर जमकर खेली गई होली, नेताओं के घर में लगा रहा समर्थकों का जमावड़ा, देखिए वीडियो

होली के दिन नेताओं के घरों में उनकेे समर्थकों की जमकर भीड़ लगी रही। दिन भर होली की शुभकामनाऐं देने का दौर चलता रहा।

ग्वालियरMar 02, 2018 / 06:02 pm

Gaurav Sen

ग्वालियर। होली खुशियों का त्योहार है। लाल, हरे, नीले, पीले रंग एक-दूसरे के प्रति प्रेम बढ़ाते हैं, तो दो दिलों को पास भी लाते हैं। दोस्ती का रंग और भी चटक हो जाता है, तो मन की खटास भी दूर होती है। होली के रंग में हर एक सराबोर होना चाहता है। इसके लिए शहर ने खास प्लानिंग की इसमें युवाओं की टोली सबसे आगे है। शहरभर में होली की धूम मची हुई है। जगह-जगह होली खेलने वालों के ग्रुप हुड़दंग मचाते नजर आए। गाडिय़ों पर धमाचौकड़ी मचाने वाले युवकों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस प्रमुख सड़क के चौराहों सहित गलियों में भी धूमती नजर आई। खुद पुलिस अधीक्षक डॉ. आशीष ने चेतकपुरी चौराहे पर जाकर गाडिय़ों की चैकिंग की और पुलिङ्क्षसग का जायजा लिया। कई जगहों पर होली पार्टी ऑर्गेनाइज की गई थी जिसमें युवाओं न जमकर डांस किया साथ ही जमकर होली भी खेली। बॉलीवुड के गानों पर हर कोई नाचता नजर आया।

सड़क पर झलकाए जाम: होली के त्यौहार पर सड़कों पर कई लोग जाम छलकाते मिले। प्रमुख चौराहों से लेकर पार्को में शराब पीने वालों ने अपना डेरा जमाया हुआ था।

 

शहर के कवियों की होली पर लिखीं रचनाऐं

 

 राजनीतिक होली

परंपरागत झूठे वायदों और
आश्वासनों की पिचकारी में,
नए-नए टैक्सों, जीएसटी, महंगाई,
भुखमरी, गरीबी, बेरोजगारी, हिंसा,
भ्रष्टाचार और भयानक घोटालों के अनेक
रंग भरकर सरकार जनता के
साथ खुलेआम होली खेल रही है।
जनता अजंता बनकर
आधार के साथ इसको
होली का मज़ाक समझकर
आराम से झेल रही है।
कुछ सिरफि रे नेतागण
भंग का अंटा लगाकर
एक दूसरे पर गालियों का
गुलाल फेंक रहे हैं।
जिन्हें कुर्सियां नहीं मिलीं,
वे गधे के स्वर में रेंक रहे हैं।
जिन्हें अधिक भंग या दारू
चढ़ गई है वे एक दूसरे पर
गटर का जल डाल रहे हैं।
जिनके जीवन रंगहीन हो गए हैं
वे एक दूसरे पर कीचड़
उछाल रहे हैं।
सदनों में
वास्तविक ‘मूर्ख सम्मेलन’ हो रहे हैं।
पढ़े लिखे बुद्धिजीवी आत्महत्याओं के लिए खेतों में
धतूरा बो रहे हैं।
हर तरफ नारों की फ सल
लहलहा रही है।
मेरे देश की दिशाहीन पीढ़ी
इक्कीसवीं सदी में जा रही है।

साजन ग्वालियरी, कवि

 

 

 

 

 

दिल से दिल मिल जाए

 

अबकी बार होली में
गुले-मोहब्बत खिल जाए
त्योहार होली में।
महुए का पउवा चढ़ जाए
भांग की गोली में
बैठे-ठाले घूम के आएं
उडऩ-खटोली में।
गुड़-मिसरी सी घुल जाए
व्यवहार की बोली में
मुन-मुटाव सब धुल जाए
इस हंसी-ठिठोली में।
रंग-अबीर की मस्ती धार
रांझा टोली में
कोई हीर का पता बताए
है किस खोली में?
खुशियों के पलाश हैं फूले
चूनर-चोली में
कचनारों की छटा दिखे
अपने हमजोली में।
इन्द्रधनुष के रंग समार
प्रीत की झोली में
ले जाना गोरी को साजन
चांद की डोली में।
मीठा-खारा स्वाद मिले
घी,पूरणपोली में
कड़वाहट मिट जाए…
अबकी बार होली में।
डॉ. शिराली रुनवाल, कवियित्री

नेताओं के घर लगी जमकर भीड़

होली के दिन नेताओं के घरों में उनकेे समर्थकों की जमकर भीड़ लगी रही। दिन भर होली की शुभकामनाऐं देने का दौर चलता रहा। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, म.प्र केबिनेट में मिनिष्टर जयभान सिंह पवैया, मंत्री माया सिंह, राज्यमंत्री नारायन सिंह कुशवाह के निवास स्थानों पर होली की बधाईयां देने के सिलसिला चलता रहा।

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