ग्वालियर

जीवन की जमा पूंजी लगाकर बनाए थे घर, टूटे तो लगा लिया गले में फंदा, हो गईं बेहोश

अधिकारी मकान तोडऩे पहुंचे तो एक महिला सुषमा भदौरिया ने गले में फंदा लगा लिया, इससे आस पास के लोग घबरा गए और उन्हें समझाइश देकर फंदे से अलग किया

ग्वालियरJul 22, 2018 / 01:27 am

Rahul rai

जीवन की जमा पूंजी लगाकर बनाए थे घर, टूटे तो लगा लिया गले में फंदा, हो गईं बेहोश

ग्वालियर। सिटी सेंटर के पॉश एरिया महाराणा प्रताप नगर में नगर निगम ने शनिवार को कार्रवाई कर 25 से 27 साल पहले बने आलीशान मकानों को तोड़ दिया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में की गई कार्रवाई के दौरान काफी हंगामा होता रहा।
 

सुबह जब निगम के अधिकारी मकान तोडऩे पहुंचे तो एक महिला सुषमा भदौरिया ने गले में फंदा लगा लिया, इससे आस पास के लोग घबरा गए और उन्हें समझाइश देकर फंदे से अलग किया, एक अन्य महिला उमा खंडेलवाल मकान टूटता देख बेहोश हो गईं।
 

घबराईं महिलाओं ने अधिकारियों के हाथ जोड़कर विनती की और कुछ समय देने को कहा, लेकिन अधिकारी नहीं माने।

लगभग सात घंटे चली कार्रवाई के दौरान प्रशासन पर पक्षपात के भी आरोप लगे। निगम के अधिकारियों ने पूरी कार्रवाई उच्च न्यायालय के निर्देश पर होने की बात कही है, जबकि कुछ लोगों का कहना था कि 23 जुलाई को होने वाली सुनवाई में रहवासियों को न्यायालय में पक्ष रखना है, इसके बाद ही कोई कार्रवाई होनी चाहिए थी। जेसीबी के आगे लेटीं महिलाएं राजेन्द्र राजपूत के मकान पर कार्रवाई के लिए जेसीबी पहुंचीतो महिलाएं विरोध करने लगीं।
 

उनका कहना था कि वह किराए से रह रहीं हैं, उनको सामान हटाने समय दिया जाए। अधिकारी नहीं माने और जेसीबी चालक से दीवार तोडऩे के लिए कहा, तो महिलाएं जेसीबी के आगे लेट गईं। इस पर नायब तहसीलदार डॉ.मधुलिका तोमर ने महिलाओं को समझाइश दी।
 

कुछ रहवासियों का कहना था कि पांच मकानों को ज्यादा निशाना बनाया गया। मुख्य सड़क पर बने होटल और अन्य व्यावसायिक इमारतें भी डीआरडीओ की 200 मीटर की परिधि में बनी हैं, इसलिए उन सभी पर कार्रवाई होना चाहिए।
 

मंत्री से कराया फोन
-स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर प्रशासन मंत्री मायासिंह से निगमायुक्त को फोन कराया गया था। उन्होंने लोगों को समय देने के लिए कहा था, लेकिन निगमायुक्त ने कार्रवाई जारी रखी।
 

कलेक्टर ने दी चार घंटे की मोहलत
महिलाओं ने कलेक्टर बंगले पर जाकर घेराव किया और मोहलत मांगी, इसके बाद कलेक्टर ने सामान हटाने के लिए 4 घंटे की मोहलत दी, लेकिन निगम अधिकारियों ने समय सीमा पूरी होने से पहले ही तुड़ाई शुरू कर दी।
 

70 पुलिस जवान तैनात रहे
कार्रवाई के दौरान पुलिस के लगभग 70 जवान, एएसपी अमन सिंह राठौर, सीएसपी धर्मराज मीणा के नेतृत्व में डटे रहे। इसके अलावा एसडीएम नरोत्तम भार्गव और नायब तहसीलदार डॉ. मधुलिका तोमर मॉनीटरिंग करती रहीं।
लगा रहा जाम
सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक तानसेन होटल के सामने तक एक तरफ की सड़क पर आवागमन बंद कर दिया गया, इस कारण निगम मुख्यालय मोड़ पर दिन भर जाम की स्थिति बनी रही।
इनके मकान दर्ज हैं सूची में
दलवीर सिंह, कांती प्रकाश गोयल और मिथलेश शर्मा, गौरीशंकर, रमादेवी, रामलखन सिंह, शरद भदौरिय, पीके खंडेलवाल, सुयश शर्मा, राघवेन्द्र सिहं,मीना देवी, रविन्द्र सिंह भदौरिया, विवेक सिंह, राजेन्द्र राजपूत, उमा शमा, आरएस भदौरिया, माधव पवैया के मकान शामिल हैं। इनमें किसी का एक मंजिल तो किसी का चार मंजिल तक मकान बना था।
एक नजर में नुकसान और कार्रवाई
-16 मकानों की लिस्ट लेकर आए निगम अधिकारियों ने पांच मकानों पर ज्यादा तुड़ाई की।
-लगभग 8 करोड़ की संपत्ति जमींदोज हुई।

 

1991 में जमीन लेकर मकान बनवाया है। इसमें अभी तक जमा पूंजी लगा दी। अब मकान छोडऩा पड़ रहा है। प्रशासन को सोचना चाहिए कि हम लोगों से किसी को क्या परेशानी हो सकती है।
सुधा सिकरवार, रहवासी
 

कोर्ट के निर्देश पर कार्रवाई हुई है, इसके लिए सूची बनाकर दी गई थी, जो मकान बिना परमिशन के बने हैं, उनको चिन्हित कर कार्रवाई की गई है।
एपीएस भदौरिया, उपायुक्त-नगर निगम

 
इतने सालों से बिल्डिंग बन रही हैं, इसके बावजूद निगम अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। अभी जो कार्रवाई हुई है, उसमें भी निगम अधिकारियों ने होटल और कमर्शियल एक्टिविटीज वाले मकानों को छोड़कर रिहायशी निर्माण तोड़े हैं। जिन भवन अधिकारियों सहित अन्य अधिकारियों के समय में यह बिल्डिंग बनी हैं, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। हमने इन मुद्दों को लेकर कोर्ट में याचिकाएं लगाई हैं। इसकी सुनवाई सोमवार को होगी।
अवधेश तोमर, एडवोकेट
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