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गृहणियों ने उठाया बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा का बीड़ा

locationग्वालियरPublished: Dec 16, 2019 12:44:37 am

Submitted by:

Harish kushwah

शहर की घरेलू और शासकीय एवं अशासकीय पदों पर नियुक्त महिलाओं के समूह ने मिलकर गरीब बच्चों की देखभाल और बालिकाओं की बेहतर परवरिश करने का बीड़ा उठाया है।

गृहणियों ने उठाया बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा का बीड़ा

गृहणियों ने उठाया बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा का बीड़ा

ग्वालियर. शहर की घरेलू और शासकीय एवं अशासकीय पदों पर नियुक्त महिलाओं के समूह ने मिलकर गरीब बच्चों की देखभाल और बालिकाओं की बेहतर परवरिश करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए महिलाओं ने विप्रा ब्राह्मण महिला मंच के नाम से एक संस्था का गठन भी किया है। इस संस्था के जरिए महिलाओं का यह समूह प्रति रविवार सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा भी दे रहा है।
कुछ समय पहले महिला बाल विकास विभाग ने गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा देने और बालिका गृह मेंं निवासरत बालिकाओं की देखभाल एवं शिक्षा दीक्षा में सहयेाग के लिए शहर की संस्थाओं से अनुरोध किया था। इस अनुरोध के बाद कुछ संस्थाओं ने व्यक्तिगत रूप से काम किया, वहीं विप्रा महिला मंच ने बच्चों की शिक्षा का पूरा दायित्व अपने हाथ में लिया है। इनकी किताबें, कॉपियां, कपड़े सहित अन्य इंतजाम महिलाओं का यह समूह ही कर रहा है। इस समूह में डॉ प्रतिभा चतुर्वेदी, डॉ. राजरानी शर्मा, वंदना शर्मा, रानी बबेले, ज्योति शर्मा, ज्योति दंडोतिया, उमा चतुर्वेदी,गीता शर्मा, पूर्णिमा शर्मा, सारिका, उषा, संगीता चतुर्वेदी, सीमा भार्गव,पूजा, रंजना, मनीषा शुक्ला, सुधा दीक्षित, रश्मि त्रिपाठी, अर्चना शर्मा, पल्लवी शर्मा, नीतू उपमन्यु सहित 70 से अधिक उच्च शिक्षित गृहणियां, कामकाजी और शोध कार्य पूरे कर चुकीं महिलाएं शामिल हैं। यह पूरा समूह महीने मेंं एक बार इक_ा होकर अपने बचाए हुए पैसों को इक_ा करके बच्चों की शिक्षा के लिए जमा करता है। इसके बाद जरूरत के अनुसार खर्च करता है।
यहां लग रहीं कक्षाएं

सत्य साईं स्कूल

-इस स्कूल में लगभग 80 बच्चे अध्ययनरत हैं। थाटीपुर क्षेत्र मेंं स्थित इस विद्यालय में विप्रा समूह की महिलाएं बच्चों को पढ़ाने के लिए बारी-बारी से जाती हैं। इसके साथ ही अन्य व्यवस्थाओंं को भी पूरा करने की कोशिश करती हैं ताकि बच्चे अच्छे से पढ़ सकें।
संस्कार स्कूल

-इस ग्रह में करीब 30 बालिकाओं के बेहतर रहन-सहन के लिए महिला बाल विकास के माध्यम से विप्रा समूह काम कर रहा है। यहां की बालिकाओं की देखभाल विभागीय नियमों के अनुसार करने के लिए समूह प्रयासरत है। यहां समूह की कोई न कोई सदस्य लगभग प्रतिदिन जाती है और बालिकाओं की समस्याएं और समाधान पर बात करती हैं। इन सदस्यों ने यह भी निर्णय लिया है कि बालिकाओं के अभिभावकों की आर्थिक स्थिति यदि वास्तव में कमजोर है तो वे विप्रा समूह के पास बालिका का नाम दर्ज करा सकते हैं ताकि शिक्षा आदि की व्यवस्था हो सके।
कुलपति दे चुकी हैं पुरस्कार

विप्रा समूह की महिलाओं द्वारा किए जा रहे बेहतर प्रयासों को लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो संगीता शुक्ला और राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य प्रमिला बाजपेई द्वारा सम्मानित किया गया था। विप्रा संगिनी के नाम से हुए इस समारोह में शिक्षाविद डॉ मंजू दुबे, डॉ राजरानी शर्मा सहित अन्य प्रतिष्ठित पदों पर नियुक्त महिलाओं ने भी सहयोग करने की बात कही है।
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