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व्यापारी बेहाल: 500 करोड़ के हुंडी कारोबार में कई व्यापारी भागे, साहूकारों का 200 करोड़ रुपया डूबा!

locationग्वालियरPublished: Apr 22, 2019 02:39:35 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

व्यापारी बेहाल: 500 करोड़ के हुंडी कारोबार में कई व्यापारी भागे, साहूकारों का 200 करोड़ रुपया डूबा!

hundi bussiness 500 crore money in scam

व्यापारी बेहाल: 500 करोड़ के हुंडी कारोबार में कई व्यापारी भागे, साहूकारों का 200 करोड़ रुपया डूबा!

 

नरेन्द्र कुइया @ ग्वालियर

हुंडी के जरिए रुपया लेकर व्यापार करने का काम शहर में नया नहीं है, लेकिन पिछले कुछ समय से इसके प्रति लोगों का मन उठने लगा है। हुंडी हर कारोबारी के लिए चिर-परिचित नाम है फिर भी विश्वास पर चलने वाले हुंडी के इस काम में कारोबारी रुपया लेकर भाग रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि नोटबंदी के बाद से ही बाजार में ऐसे हालात बन रहे हैं। कैश का फ्लो गड़बड़ाने के कारण ऐसा लगातार होता जा रहा है। बताया जाता है कि शहर में हुंडी के काम में कम से कम 500 करोड़ से अधिक रुपया लगा हुआ है और इसमें से अब 200 करोड़ रुपया ऐसा है जिसके वापस आने की संभावना कम हो रही है और लोग भाग रहे हैं।

 

क्या है हुंडी का काम
शहर में हुंडी का काम 1947 के बाद से चल रहा है। शुरू से ही विश्वास की नींव पर चलने वाले इस काम में कागज के रूप में चेक भी नहीं लिए जाते थे पहले सिर्फ इसे लिख दिया जाता था। इसमें जरूरतमंद व्यक्ति को उसकी जरूरत के हिसाब से ब्रोकर रुपया दिलवाते हैं। साहूकारों से चेक या नकद के जरिए रुपया दिलवाया जाता है और इसके बदले में लिखा जाने वाला कागज हुंडी कहलाता है। ब्रोकर इसमें कमीशन लेते हैं। हुंडी में रुपया लेने वाला एक वादा करता है कि मैं उचित समय में आपके पैसे का भुगतान कर दंूगा। ब्रोकर को हर माह इसमें दस रुपए सैकड़ा की दलाली मिलती है।

 

चैंबर बनाएगा हुंडी समिति
गत मंगलवार को मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में हुई बैठक में हुंडी पर रुपए लेकर भागने वालों पर चर्चा की गई थी। इसमें तय हुआ था कि हुंडी ब्रोकर का रजिस्टे्रशन करने के साथ-साथ चैंबर की हुंडी समिति बनाई जाए और इसमें सारे प्रकरण लाकर निराकरण का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए 22 अप्रैल को बैठक रखी गई है।

“नोटबन्दी के बाद से लगातार बन रहे ऐसे हालात”

फैक्ट फाइल
1000 : शहर के लोगों का रुपया करीब 200 हुंडी का काम करने वालों पर लगा होगा।

20 : ब्रोकर काम कर रहे हैं हुंडी का शहर में

500: करोड़ रुपए की रकम ब्याज पर चलने वाले हुंडी के कारोबार का टर्नओवर होगा। जो रुपया बाजार में लगा है, इसमें से 200 करोड़ रुपया वापस आने की संभावना नहीं है। ऐसे लोग रुपया लेकर भाग रहे हैं।

वायदा बाजार भी कारण
जानकारी के मुताबिक कई व्यापारी एमसीएक्स वायदा बाजार में भी बड़ा काम करने लगे हैं। ऐसे में वायदा बाजार में बड़ा मुनाफा कमाने के चक्कर में ये कारोबारी हुंडी का रुपया इसमें लगा रहे हैं और जब ये पैसा डूब जाता है तो वे शहर से गायब हो रहे हैं। वहीं हुंडी कारोबार से जुड़े ब्रोकरों के बारे में बताया जाता है कि ये कमीशन में ही रातों-रात अमीर हो गए हैं। ऐसे ब्रोकर साहूकार से भी बड़े हो गए हैं।

 

अभी तक ये हो चुके गायब (आंकड़े करोड़ रुपए में )

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

हुंडी कमेटी करेगी निपटारा
हुंडी का काम विश्वास का कार्य है और ये काफी समय से शहर में होता है। पिछले कुछ समय से इसमें ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सोमवार की शाम 5 बजे बैठक रखी गई है। इस बैठक में हुंडी कमेटी का गठन किया जाएगा। वैसे अभी तक चैंबर में हुंडी को लेकर कोई आवेदन नहीं आया है। हुंडी कमेटी बनते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
विजय गोयल, अध्यक्ष, मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

सजा मिलनी चाहिए
80 फीसदी लोग जानबूझकर हुंडी पर लगा रुपया लेकर भाग रहे हैं। कुछ लोग सेटलमेंट के जरिए इसमें काम कर रहे हैं। विश्वास के इस काम में रुपया लेकर भागने वाले लोगों को सजा जरूर मिलनी चाहिए, ताकि ऐसी पुनरावृत्ति ना हो।
अतुल अग्रवाल, पीडि़त कारोबारी

हुंडी के काम में विश्वास टूट रहा है
इस शहर के व्यापार के विकास में हुंडी के माध्यम से ऋण व्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वर्तमान परिस्थितियों में ये विश्वास टूटा है। शहर के प्रमुख लोगों को इस पर चिंता करनी चाहिए और ये विश्वास पुन: कायम हो ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि ग्वालियर का व्यापार पुन: आगे बढ़ सके, कैट इसके लिए पहल करेगा
भूपेन्द्र जैन, प्रदेश अध्यक्ष, कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट मध्यप्रदेश)

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