scriptसैकड़ों साल पुरानी सुंदर बावड़ी को संवारने की जिद | Hundreds of years old to beautify the beautiful Baadi | Patrika News

सैकड़ों साल पुरानी सुंदर बावड़ी को संवारने की जिद

locationग्वालियरPublished: May 24, 2019 07:46:33 pm

Submitted by:

Harish kushwah

खेड़ापति मंदिर के समीप स्थित बावड़ी को संवारने की जिद शहर की है। यह बावड़ी सैकड़ों साल पुरानी है, जो बहुत ही खूबसूरत है। यदि यह पुनर्जीवित होती है, तो इससे आसपास के एरिए का वाटर लेवल बढ़ेगा। सूख चुकी बोरिंग एक बार फिर से रिचार्ज हो सकेंगी।

Amritam jalm campaign

Amritam jalm campaign

ग्वालियर. खेड़ापति मंदिर के समीप स्थित बावड़ी को संवारने की जिद शहर की है। यह बावड़ी सैकड़ों साल पुरानी है, जो बहुत ही खूबसूरत है। यदि यह पुनर्जीवित होती है, तो इससे आसपास के एरिए का वाटर लेवल बढ़ेगा। सूख चुकी बोरिंग एक बार फिर से रिचार्ज हो सकेंगी। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए पत्रिका ने इस बावड़ी पर अमृतं जलम् अभियान की शुरुआत की है, जिससे शहर की विभिन्न संस्थाएं एवं संगठन जुड़ रहे हैं। इसी क्रम में यूथ रियल फ्रीडम युवक मंडल की टीम ने पार्टिसिपेट किया और मलबा निकाला।
आज मैं श्रमदान कर पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान से जुड़ा। आगे भी मैं अपनी टीम के साथ बावड़ी सहेजने के लिए श्रमदान करने जरूर आता रहूंगा।

अधिराज बंसल

मैंने भी अपनी टीम के साथ बावड़ी देखी। वाकई ये अद्भुत है। सैकड़ों साल पहले भी इस तरह की प्लानिंग होती थी, यह हमारे लिए रिसर्च का विषय है।
मोना सिंह यादव

यह बावड़ी हेरिटेज लुक में है। इसके रख-रखाव के लिए पुरातत्व विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए। यह स्टूडेंट्स के लिए भी रिसर्च का विषय है।

ललिता शर्मा
हमें आने वाला कल संवारना है, तो आज को बचाना होगा। यानि शहर में हो रही पानी की किल्लत को दूर करना होगा। इसके लिए प्रयास करने होंगे।

आयुष गर्ग

मैंने भी अपनी टीम के साथ बावड़ी देखी। वाकई ये अद्भुत है। सैकड़ों साल पहले भी इस तरह की प्लानिंग होती थी, यह हमारे लिए रिसर्च का विषय है।
मोना सिंह यादव

शहर के वाटर रिसोर्सेज को एक बार फिर से रिचार्ज करने की आवश्यकता है। इसके लिए जरूरी है कि पत्रिका की तरह ही अन्य संस्थाएं भी जिम्मेदारी लें।

सत्यम गर्ग

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