मोहल्ला वासियों का कहना है कि सोमवार की रात करीब नौ-दस बजे दोनों को छत पर टहलते देखा देखा गया था। मंगलवार की सुबह जब दूधवाला दूध देने पहुंचा तो आवाजें लगाने के बाद अंदर की कुंडी नहीं खुली तो वापस लौट गया। दिन भर बीतनेे के बाद भी दुकानदार वृद्धा से नहीं रहा गया तो उसने एक बच्चे को घर के पिछले हिस्से से घर में भेजा। यहां दोनों के शवों पर चादर डली थी तो बच्चे को लगा सो रहे हैं पर आवाज के बाद भी नहींजागे तो चादर हटाई।
प्रारंभिक पड़ताल में बात सामने आई है कि दंपती के पास करोड़ों रुपए की संपत्ति थी पर वारिस कोई नहीं था। तमाम रिश्तेदारों पर उस पर नजर थी। सूत्रों के मुताबिक याकूब के मकान में दफीना था जिसे उखाडऩे के फेर में यह घटना हुई।
मृतक याकूब की दुकान हथियारों की धार बनाने व अन्य दुकानें किराए पर थीं वहीं पूर्व में सलमा भी बिजली कंपनी में नौकरी करती थी लेकिन आंखें कमजोर होने के बाद उसने नौकरी छोड़ दी थी। वहीं शादी को 12 साल होने के बाद भी उनकी कोई संतान नहीं थी इसलिए लोगों की नजर उनकी संपत्ति पर थी।
पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। यहां खुले आंगन में डॉक्टरों द्वारा लाशों को चीरना भी दिन भर नगर में चर्चाओं का विषय बना रहा। हालांकि पुलिस का कहना है कि आंगन में पीएम की व्यवस्था थी ,लेकिन इस तरह सभी के सामने पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सकता। हालांकि पुलिस को रिपोर्ट का इंतजार है।
पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने बताया कि मौके पर देखने से लगा कि हमले से पहले दंपति को या तो जहर दिया गया या फिर बेहोशी की दवा, लेकिन असलियत तो पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगी। फिलहाल शवों का पोस्टमार्टम करा दिया है। हत्या की वजह भी जल्द पता चल जाएगी।