जैसा कि फरियादी विक्रम ने पत्रिका से कहा
थाने में कई बार मेरे साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया। मैने क्राइम ब्रांच को जांच सौंपने के लिए आवेदन दिया, लेकिन चार महीने बाद भी न लुटेरे पकड़े न क्राइम ब्रांच को जांच सौंपी। तब मैंने खुद झांसी और आसपास जाकर बदमाशों के फुटेज दिखाए। अभी भी में बदमाशों की तलाश में जुटा हूं। मेरा तो पुलिस से विश्वास उठ रहा है।
यह था मामला
16 जुलाई को विक्रम स्टेशन बजरिया में टैक्सी लेकर खड़े थे, तभी दो बदमाश आए और झांसी चलने को कहा। वह सवारी समझकर उन्हें कार में बैठाकर झांसी चल दिया। गुड़ी गुढ़ा का नाका पर पेट्रोल पंप से कार में पेट्रोल डलवाया, फिर आगे रवाना हुए। झांसी से पहले बदमाश ने बहाने से कार रुकवा ली। एक बदमाश कार में बैठा रहा, दूसरा कार से उतर गया। फिर कार में बैठे बदमाश ने उस पर कट्टा अड़ाकर कार से नीचे उतरकर पीटा। उसकी कार, मोबाइल और रकम लूटकर भाग गए।
रूद्र पाठक, एसआइ, विवेचनाकर्ता पड़ाव थाना