प्रशासनिक भवन में प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआइ के छात्रनेताओं ने यह बात कुलसचिव डॉ. आइके मंसूरी से कही। इसके जबाव में कुलसचिव ने कहा कि इस मामले में कार्रवाई करने का अधिकार कुलपति को है, वे आदेश देंगी। इस पर छात्रों ने कहा कि जब आप फैसला नहीं कर सकते हो तो वापस जाओ और कुलपति को बुलाओ। यह सुनकर कुलसचिव वापस चले बाद में जेयू के प्रो. राजेन्द्र खटीक ने आकर छात्रों को बताया कि कुलपति चैंबर में नहीं हैं। छात्रों को विश्वास नहीं हुआ तो सभी को लेकर कुलपति के चैंबर में पहुंचे। जहां कार्यपरिषद सदस्य मनेन्द्र सिंह सोलंकी की मौजूदगी में एआर पर कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजे जाने का आश्वासन दिए जाने के बाद छात्र वापस चले गए।
जीवाजी विश्वविद्यालय में छात्रों की समस्याओं का निराकरण न होने और सीएम हेल्पलाइन में गैर जिम्मेदाराना जवाब दिए जाने का आरोप लगाते हुए सहायक कुलसचिव पर कार्रवाई न होने से आक्रोशित एनएसयूआइ ने प्रदेश महासचिव शिवराज सिंह यादव के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। इस दौरान राहुल वर्मा, लालू यादव, शिवम दुबे, सोनू सिंह, सतीश राणा, मयंक भार्गव, दीपेश उपाध्याय, अनुपम दीक्षित, पंकज पांडेय, अनय खान,श्रेयांस किंकर, सौरभ मिश्रा, राहुल शर्मा, मंगल किरार,अतुल धाकड़, गौरव भदौरिया, अरविंद रजक, सुमित पटेल, शिवांस यादव सहित अन्य छात्र मौजूद थे।
रैली के रूप में पहुंचे प्रशासनिक भवन
सीएम हेल्पलाइन में की जा रही गड़बडिय़ों के लिए जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई न होने से आक्रोशित छात्र पहले सेंट्रल बैंक के सामने एकत्रित हुए। इसके बाद सभी छात्र नारेबाजी करते हुए प्रशासनिक भवन पहुंचे। जहां ताला लगा होने के कारण करीब एक घंटे तक हंगामा जारी रहा। नीचे का ताला खुला तो छात्र सीधे दूसरी मंजिल पर पहुंचे लेकिन यहां भी चैनल पर ताला लगा था फिर छात्रों ने यहां भी नारेबाजी की।
… परीक्षा नियंत्रक और डीआर को क्यों किया निलंबित
प्रो. खटीक और ईसी मैंबर सोलंकी ने छात्रों को समझाने की कोशिश की और कुलपति चैंबर तक ले गए, जहां छात्रों ने अधिकारियों से जवाब मांगा कि जब जिम्मेदारी सहायक कुलसचिव की है तो परीक्षा नियंत्रक और डीआर को निलंबित क्यों किया गया है। इसके जवाब में अधिकारियों ने चुप्पी साध ली। बाद में ईसी मैंबर सहित अधिकारियों ने यह आश्वासन दिया कि एआर द्वारा दिया गया कारण बताओ नोटिस का जवाब शासन को भेजा जाएगा।
इसलिए हुआ प्रदर्शन
-सहायक कुलसचिव अमित सिसोदिया ने बिना परीक्षण किए कॉलेज ऑफ लाइफ के छात्र की समस्या को निराकृत करने की बजाय वापस संबंधित कॉलेज को भेज दिया था। सीएम हेल्पलाइन के जन अधिकार में पहुंचने पर मुख्यमंत्री द्वारा समीक्षा के बाद विवि के परीक्षा नियंत्रक और डीआर को निलंबित कर दिया गया। छात्रों का कहनाा था कि शिकायत का निराकरण न करने के लिए पूरी तरह से एआर सिसोदिया जिम्मेदार हैं, दूसरे अधिकारियों को निलंबित क्यों किया गया। छात्रोंं ने कुलसचिव से कहा कि आप कोई फैसला लेने में सक्षम नहीं हो तो निलंबन प्रस्ताव प्रदेश शासन और कलेक्टर को भेजा जाए।
यह दिया है जवाब
कुलसचिव डॉ. आइके मंसूरी ने छात्रों से कहा कि एआर अमित कुमार सिसोदिया को 12 फरवरी को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का स्पष्टीकरण लेकर कुलपति ने शासन को भेज दिया है। इसके बाद अब प्रदेश सरकार कार्रवाई करेगी।