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अपनी जमीन पर सरकारी पार्किंग बनवाना है तो दे सकते हैं नगर निगम को प्रस्ताव, मिलेगा लाभ का आधा हिस्सा

locationग्वालियरPublished: Sep 25, 2018 06:24:10 pm

Submitted by:

Rahul rai

योजना के तहत सडक़ किनारे, बाजार आदि में रहने वाले भूमि मालिक मल्टीलेवल मेकेनाइज्ड पार्किंग के लिए आवेदन कर सकते हैं

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अपनी जमीन पर सरकारी पार्किंग बनवाना है तो दे सकते हैं नगर निगम को प्रस्ताव, मिलेगा लाभ का आधा हिस्सा

ग्वालियर। नगर निगम शहर में सरकारी जमीन के साथ अब निजी भूमि पर भी मल्टी लेवल और मेकेनाइज्ड पार्किंग की योजना बना रहा हैं, इसके लिए इच्छुक भूमि मालिकों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। जयेंद्रगंज में मेकेनाइज्ड पार्किंग के भूमि पूजन के दौरान महापौर विवेक शेजवलकर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि निजी जमीन पर भूमि मालिकों की सहमति से निगम पार्किंग डवलप करेगा। इसके बाद पार्किंग से होने वाली आय का तय हिस्सा या आधा जो भी तय होगा, जमीन मालिक को दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत सडक़ किनारे, बाजार आदि में रहने वाले भूमि मालिक मल्टीलेवल मेकेनाइज्ड पार्किंग के लिए आवेदन कर सकते हैं। वह चाहें तो आधे हिस्से में मकान, दुकान और आधे हिस्से में मकान के नीचे या मकान के ऊपर पार्किंग बनाने का प्रस्ताव तैयार कर सकते हैं।

इसके बाद निगम के एक्सपर्ट भूमि का अवलोकन कर आवश्यकतानुसार साझेदारी का प्राजेक्ट तैयार करेंगे। भूमि पूजन के दौरान सभापति राकेश माहौर, आयुक्त विनोद शर्मा, एमआइसी सदस्य धर्मेंद्र राणा, स्मार्ट सिटी सीईओ महीप तेजस्वी, नोडल अधिकारी पवन सिंघल मौजूद रहे।

अभी यहां बन रहीं मेकेनाइज्ड पार्किंग
स्पॉट-1 गिर्राज मंदिर के पास पुराना हाईकोर्ट
लागत- 4.94 करोड़ रुपए
कितनी कारों के लिए- 74
निर्माण अवधि- 6 माह


स्पॉट-2 राजीव प्लाजा के पीछे
लागत- 2.8 करोड़ रुपए
कितनी कारों के लिए- 42
निर्माण अवधि- 6 माह
हाईट-4 लेवल
नोट- दोनों पार्किंग का निर्माण रामरत्ना इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि, मुम्बई द्वारा किया जाएगा।

यहां भी दिया जा सकता है प्रस्ताव
शहर में ट्रैफिक सिस्टम को व्यवस्थित करने के लिए निगम की करीब 34 स्थानों पर छोटी-बड़ी पार्किंग संचालित हैं। उक्त स्थानों पर अगर लोग चाहें तो पीपीपी मॉडल में पार्किंग निर्माण कर सकते हैं। इसके लिए भी निगम को प्रस्ताव दिया जा सकता है, इसमें निगम बीओटी योजना के तहत आवेदन पर विचार करेगा। जिसमें तय समय के बाद निर्माण की हुई पार्किंग निगम को सुपुर्द हो जाएगी।

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