scriptनिंदा की बजाय प्रशंसा करेंगे तो खत्म हो जाएगी ईष्र्या | If you praise instead of condemnation then jealousy will end | Patrika News

निंदा की बजाय प्रशंसा करेंगे तो खत्म हो जाएगी ईष्र्या

locationग्वालियरPublished: Mar 19, 2020 11:15:23 pm

Submitted by:

Narendra Kuiya

– हरिशंकरपुरम के जैन मंदिर में बोले मुनि विहर्ष सागर

निंदा की बजाय प्रशंसा करेंगे तो खत्म हो जाएगी ईष्र्या

निंदा की बजाय प्रशंसा करेंगे तो खत्म हो जाएगी ईष्र्या

ग्वालियर. ईष्र्या ऐसी है, जो खुद को ही जलाती है और बहुत से कर्मों का बंध करती है। किसी की निंदा करने की बजाय उसकी सामने से प्रशंसा करने से धीरे-धीरे ईष्र्या खत्म होती है। हमेशा हर किसी के आगे बढ़ो, लेकिन उसे पीछे धकेल कर नहीं, बल्कि अच्छे कार्य करके उससे आगे बढ़ो। अपने पर आए कर्म और उनसे उपजे पापों को नष्ट करने से दुख स्वत: ही कम होगा। किसी पर झूठा कलंक लगाने से अनंत भवों तक रखना पड़ता है। उक्त उद्गार मुनि विहर्ष सागर ने गुरूवार को हरिशंकरपुरम के जैन मंदिर में धर्म शास्त्र चर्चा में व्यक्त किए। इस मौके पर मुनि विजयेश सागर एवं क्षुल्लक विश्वोत्तर महाराज मौजूद थे। मुनि विहर्ष सागर ने कहा कि तेजी से फैल रही संक्रमित बीमारी कोरोना वायरस के लिए जीव हत्या और मांसाहार ही जिम्मेदार है। भारत करुणा का देश है, कोरोना का नहीं। बीमारियों से बचने के लिए चाइना की सामग्री खरीदने से बचें और मेक इन इंडिया याने स्वदेशी अपनाएं।
भारत की संस्कृति का कर रहा अनुसरण
मुनि विहर्ष सागर ने कहा कि चीन में जीवों को ज्यादा सताया जाता है तो वही जीव अब सारे विश्व को सता रहे हैं। भारत देश सदियों से शाकाहार का संदेश दे रहा है और बदलते परिवेश में सनातनी संस्कृति अपने आप को दोहराते हुए धीरे-धीरे पूरा विश्व इसको जानकर शाकाहार की तरफ लौट रहा है। जैन धर्म का संदेश भी यही है कि जियो और जीने दो।
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