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भविष्य को सुधारना चाहते हो तो अपने वर्तमान के परिणामों को संभालो

locationग्वालियरPublished: Dec 15, 2019 11:36:57 pm

Submitted by:

Narendra Kuiya

– आचार्य विशुद्ध सागर सहित 24 साधुओं का मंगल प्रवेश

भविष्य को सुधारना चाहते हो तो अपने वर्तमान के परिणामों को संभालो

भविष्य को सुधारना चाहते हो तो अपने वर्तमान के परिणामों को संभालो

ग्वालियर. ज्ञानियों परिणामों की शुद्धि ही मुक्ति का कारण है। विशुद्ध भावों से की गई साधना ही भाव समुद्र से पार उतारती हैं। भविष्य को सुधारना चाहते है तो अपने वर्तमान के परिणामों को संभालो। निज परिणामों से ही व्यक्ति परमात्मा बनाता है। यह विचार आचार्य विशुद्ध सागर ने रविवार को नई सडक़ स्थित तेरहपंथी धर्मशाला में मंगल प्रवेश पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने आगे कहा कि अहिंसा ही मंगल है, अहिंसा ही धर्म है और अहिंसा ही सुख का कारण हैं। अहिंसा से ही विश्व शांति सम्भव है। विश्व एकता का कोई मंत्र है तो वह अहिंसा ही है। तीर्थंकारों भगवंतो ने अहिंसात्यक धर्म का उपदेश दिया है जियो और जीने दो यही धर्म का सार है।
24 पिच्छी का हुआ मंगल प्रवेश
आचार्य विशुद्ध सागर सहित 24 पिच्छी की मंगल प्रवेश शोभायात्रा रविवार को नया बाजार स्थित दिगंबर जैन मंदिर से गाजे बाजे के साथ निकाली गई। यह मंगल प्रवेश यात्रा नया बाजार से शुरू होकर हुजरात रोड, दौलतगंज, पारख जी का बाड़ा, सराफा बाजार, महाराज बाडा़, मोर बाजार, दाना ओली होते हुए नई सडक़ स्थित तेरहपंथी धर्मशाला पहुंची।
प्रवेश में चल रहा था बैंड
आचार्य के मंगल प्रवेश में सबसे आगे घोड़े और गजराज हाथी पर राजेद्र जैन जैनध्वज लहराते चल रहे थे। युवा टीम बुलेट पर साफे पहने हुए चल रहे थे। जिनवाणी लेकर बग्गियों पर सवार थे। प्रवेश यात्रा के साथ-साथ बैंड भी चल रहा था। महिलाएं सिर पर पगड़ी बांधकर डांडिया नृत्य कर रही थीं।

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