जीवन में सुखपूर्वक जीना है, तो कुछ बातों की अपेक्षा करना भी सीखो
ग्वालियरPublished: Dec 17, 2019 12:13:56 am
– नई सडक़ स्थित तेराहपंथी धर्मशाला में धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य विशुद्ध सागर ने कहा
जीवन में सुखपूर्वक जीना है, तो कुछ बातों की अपेक्षा करना भी सीखो
ग्वालियर. हमारे विचार, सोच, आचरण जब तक पवित्र और निर्मल नहीं होंगे तब तक हम परमोत्कर्श को प्राप्त नहीं कर सकेंगे। जीवन में सुखपूर्वक जीना है, तो कुछ बातों की अपेक्षा करना भी सीखो। जगत की अपेक्षाओं से हमारा कल्याण नहीं होगा। यह विचार आचार्य विशुद्ध सागर ने सोमवार को नई सडक़ स्थित तेराहपंथी धर्मशाला में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि संसार की संपत्ति, साधन आडम्बर हमारे आत्म सुख के कारण नहीं हो सकते है। जितना द्रव्यों का संग्रह करोगे उतनी अशांति के निकट पहुंचते जाओगे। निज में स्थापित हुए बिना आत्म सुख संभव नही है। ध्यान के लिए निज में उपयोग की आवश्यता है।
40 परिवार गुरू से आहारचार्य की गुहार लगा रहे है
जैन समाज के संत 24 घंटे में मात्र एक वार ही आहार ग्रहण करते है। जब आचार्य या मुनि आहार लेने के लिए निकलते है जो भक्तगण अपने हाथों में पूजन की सामग्री, फल, आदि लेकर पडग़ाहन करते है। नियमानुसार जिसके हाथ में फल या सामग्री पर दृष्टि पड़ती है तो वह खड़े हो जाते है। ग्वालियर में आए आचार्य सहित 24 साधुओं के लिए जैन समाज के 40 परिवार आचारचार्य चौके लगा रहे है।
21 फुट शांतिनाथ भगवान का महामस्तिकाभिषेक मंगलवार को
श्री दिगम्बर जैन बीसपंथी बड़ा मदिर प्रबंधक कमेटी की ओर से शांतिनाथ मार्ग (गैंडेवाली सडक़) स्थित दिगंबर जैन नसिया में 17 दिसंबर को दोपहर 12.30 बजे से 21 फुट भगवान शांतिनाथ की प्रतिमा का महामस्तिकाभिषेक एवं मंगल प्रवचन कार्यक्रम आयोजित होगा।