इस दौरान इमरती देवी ने आरोप लगाया कि, उन्हें टारगेट किया जा रहा था। उन्होंने डबरा तहसीलदार दीपक शुक्ला पर अपने प्रत्याशी को हराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। इमरती ने कहा कि, पिछोर नगर परिषद में हमारे प्रत्याशी को हराने के लिए तहसीलदार दीपक शुक्ला बिना अनुमति के अंदर थे। तहसीलदार किसी के कहने पर हमारे प्रत्याशी को हराने के लिए मतदान स्थल के अंदर गए थे। इमरती देवी ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से करने की बात कही है।
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किसकी शिकायत करेंगे इमरती ? उन्हीं को पता नहीं
हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि, विरोध करने वाले कौन थे, किस समाज के थे। ये अबतक ता नहीं चल सका है। आपको बता दें कि, इमरती देवी की ओर से अपने विवादित बोल पर रविवार को उस समय दी गई, जब वो सुबह सुमन वीरांगना की समाधि पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची थीं।
इमरती देवी के विवाजित बोल
दरअसल ग्वालियर के पिछोर नगर परिषद अध्यक्ष चुनाव में शनिवार को पूर्व मंत्री इमरती और भाजपा समर्थक आपस में भिड़ गए थे। इस दौरान जब एक कार्यकर्ता ने इमरती मुर्दाबाद के नारे लगा दिए तो गुस्साई इमरती ने कहा था कि-” ज्यादा मुंह मत चलाना। मार मार कर सीधा कर दूंगी। कौन है तू, हमें जानता नहीं क्या..!
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ये था मामला
पिछोर नगर परिषद के अध्यक्ष चुनाव में इमरती समर्थक रामजानकी ने BJP के दूसरे गुट के नवल भार्गव को 9 वोटों से हरा दिया है। जब वहां इमरती पहुंची तो नवल के भाई उमेश भार्गव ने उनके खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिए। इस पर सिंधिया समर्थक को भी गुस्सा आ गया। वहीं इमरती देवी भी बदज़ुबानी पर उतर आई। गुस्से में आकर इमरती बोली कि- ” ज्यादा मुंह मत चलाना। मारमार कर सीधा कर दूंगी। कौन है तू, हमें जनता नही..। इसके बाद पूर्व मंत्री ने पुलिसकर्मियों से कहा कि, इसे हटाओ यहां से तो पुलिस उमेश भार्गव को थाने ले गई। एक घंटे बैठाने के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया। इसका एक VIDEO भी सामने आया था।