scriptबचपन में गमले से मिट्टी निकालकर खिलौने बनाने के शौक ने बना दिया माहिर कलाकार | In childhood, the hobby of making toys out of pots made the artist exp | Patrika News
ग्वालियर

बचपन में गमले से मिट्टी निकालकर खिलौने बनाने के शौक ने बना दिया माहिर कलाकार

मिट्टी को उंगलियों से आकार देने में हजीरा निवासी विकास धमन माहिर हैं। उन्हें मूर्तियां बनाने का शौक कैसे हुआ यह तो उन्हें भी नहीं पता। विकास बताते हैं कि बचपन में हम उम्र दोस्त गिल्ली डंडा और क्रिकेट खेलने में व्यस्त रहते थे, तब उन्हें गमले की मिट्टीकुरेदकर उससे खिलौने बनाने का शौक हो गया।

ग्वालियरFeb 14, 2020 / 08:39 pm

Harish kushwah

बचपन में गमले से मिट्टी निकालकर खिलौने बनाने के शौक ने बना दिया माहिर कलाकार

बचपन में गमले से मिट्टी निकालकर खिलौने बनाने के शौक ने बना दिया माहिर कलाकार

ग्वालियर. मिट्टी को उंगलियों से आकार देने में हजीरा निवासी विकास धमन माहिर हैं। उन्हें मूर्तियां बनाने का शौक कैसे हुआ यह तो उन्हें भी नहीं पता। विकास बताते हैं कि बचपन में हम उम्र दोस्त गिल्ली डंडा और क्रिकेट खेलने में व्यस्त रहते थे, तब उन्हें गमले की मिट्टीकुरेदकर उससे खिलौने बनाने का शौक हो गया। खेल-खेल में कई बार मिट्टी को ऐसा आकार मिल जाता था कि देखने वाले भी हैरत में पड़ जाते थे। इसलिए माता-पिता ने उनके अंदर के कलाकार को देखा तो उन्हें प्रोत्साहित किया। इसलिए शहर में अपने हुनर का लोहा मनवाने के बाद दिल्ली में मृदा आर्ट स्टूडियो के जरिए मिट्टी की कलाकृतियां बनाकर अपना फन दिखा रहे हैं।
विकास कहते हैं कि जहन में जो विचार आते हैं उन्हें बोलने से ज्यादा आकार देने में सुकून मिलता है, क्योंकि बोली हुई बात तो मुंह से निकलने के बाद खत्म हो जाती है, लेकिन कलाकृति हमेशा उस विचार की याद दिलाती है। उनके अंदर हुनर देखकर माता-पिता और सहयोगियों ने बाल भवन तक पहुंचाया, उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। दुनिया में होने वाले घटनाक्रम, जिंदगी के विविध रूप-रंग, जानवरों की तमाम आकृतियां मिट्टी पर उकेरीं। लोगों ने उन्हें सराहा तो आगे बढ़ने का हौसला बढ़ता गया, इसलिए हिम्मत कर मिट्टी को ही जीवन यापन का जरिया बनाने का निर्णय।
विकास के मुताबिक उनकी यादगार कलाकृतियों में एल्डर मैन की प्रतिमा है। इसमें मिट्टी से बुजुर्ग की आकृति बनाकर उसे लोहे के तारों से बांधा है। यह प्रतिमा दर्शाती है कि घर का बुजुर्ग व्यक्ति किस तरह जिम्मेदारियों से बंधने की वजह से लोहे की तरह सख्त हो जाता है। इस प्रतिमा और विचार को लोगों ने काफी सराहा था। इससे आगे बढ़ने का काफी हौसला मिला। इसके अलावा मानसिंह यूनिवर्सिटी के लिए बुजुर्ग महिला की आकृति बनाई, इसे भी लोगों ने काफी पंसद किया। इस प्रतिमा को शबरी का नाम दिया गया। हाल में सूरजकुंड में विशाल प्रतिमा भी बनाई है।
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