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गुरु के सामने शिष्यों ने सुनाए राग

locationग्वालियरPublished: Feb 13, 2019 07:44:51 pm

Submitted by:

Harish kushwah

शासकीय माधव संगीत महाविद्यलय में वार्षिक स्नेह सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन मंगलवार को किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में हरिद्वार के संत ऋ षभ देबानंद उपस्थित रहे।

Annual affection conference

Annual affection conference

ग्वालियर. शासकीय माधव संगीत महाविद्यलय में वार्षिक स्नेह सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन मंगलवार को किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में हरिद्वार के संत ऋ षभ देबानंद उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. रंजना तिवारी ने सितार वादन से की। उन्होंने राग दुर्गा में तीन ताल पर प्रस्तुति दी। उनके साथ तबले पर श्याम मनोहर रहे। इसके बाद विद्यावती ने शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति दी। उन्होंने राग विहाग में विलंबिल एक ताल में बड़ा ख्याल गाया, जिसके बोल थे कैसे सुख सोहे। वहीं छोटा ख्याल तीन ताल में अब हू लालन मयका पेश किया। तबले पर उनके साथ भगवान दास रतोनिया, हारमोनियम पर मो. अहमद खां, सारंगी पर अली अहमद खां रहे। कार्यक्रम में गुरुओं के सामने शिष्यों ने प्रस्तुति दी, जो कि अभी कॉलेज में अध्ययनरत है या फिर पासआउट हो चुके हैं।
तराना से किया समापन

तरुण कटारे ने एकल तबला वादन किया। उन्होंने रुद्र ताल 11 मात्रा में वादन प्रस्तुत किया। समूह कथक नृत्य की प्रस्तुति भी खास रही। तत्पश्चात बसंत ताल में तराना सुनाकर कार्यक्रम का समापन किया।
देश को चाहिए आजाद, बिस्मिल, भगत सिंह जैसे सपूत

ग्वालियर. आज का युवा अपनी संस्कृति, सभ्यता और संस्कारों को भूलकर अलग राह पर चल पड़ी है। उसकी न कोई दिशा है और न ही कोई मंजिल। पथभ्रष्ट होता युवा कैसे परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जवाबदेही को समझेगा। कुछ ऐसी ही विडम्बना को नाटक ‘रंग दे बसंतीÓ के माध्यम से दिखाया गया। मौका था ग्वालियर व्यापार मेले में मंगलवार की शाम फैसिलिटेशन सेंटर में नारायण प्रताप सिंह भदौरिया द्वारा लिखित एवं निर्देशित नाटक का। मंच से पर्दा हटते ही सूत्रधार अपनी पत्नी से कहता है कि आज बिना रिश्वत के कोई काम ही नहीं हो रहा। आज देश को चंद्रशेखर आजाद, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, महारानी लक्ष्मीबाई और भगत सिंह जैसे सपूत चाहिए।

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