तराना से किया समापन तरुण कटारे ने एकल तबला वादन किया। उन्होंने रुद्र ताल 11 मात्रा में वादन प्रस्तुत किया। समूह कथक नृत्य की प्रस्तुति भी खास रही। तत्पश्चात बसंत ताल में तराना सुनाकर कार्यक्रम का समापन किया।
देश को चाहिए आजाद, बिस्मिल, भगत सिंह जैसे सपूत ग्वालियर. आज का युवा अपनी संस्कृति, सभ्यता और संस्कारों को भूलकर अलग राह पर चल पड़ी है। उसकी न कोई दिशा है और न ही कोई मंजिल। पथभ्रष्ट होता युवा कैसे परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जवाबदेही को समझेगा। कुछ ऐसी ही विडम्बना को नाटक ‘रंग दे बसंतीÓ के माध्यम से दिखाया गया। मौका था ग्वालियर व्यापार मेले में मंगलवार की शाम फैसिलिटेशन सेंटर में नारायण प्रताप सिंह भदौरिया द्वारा लिखित एवं निर्देशित नाटक का। मंच से पर्दा हटते ही सूत्रधार अपनी पत्नी से कहता है कि आज बिना रिश्वत के कोई काम ही नहीं हो रहा। आज देश को चंद्रशेखर आजाद, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, महारानी लक्ष्मीबाई और भगत सिंह जैसे सपूत चाहिए।