रेफरल के पीछे पर्याप्त स्टाफ और संसाधनों का अभाव बताकर गर्भवती महिलाओं को कमलाराजा अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। यहां करीब 15 प्रसूताएं रेफर होकर पहुंचती हैं। मुरार प्रसूति गृह से बिना कारण ही प्रसूताओं को रेफर कर दिया जाता है। रेफर किए जाने को दो एेसे मामले बीते दिन में सामने आए हैं जिनमें प्रसव ऑटो में हुए। पहले भी इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं, फिर भी रेफर पर लगाम नहीं लग रही है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा इस तरफ ध्यान नहीं दिए जाने के कारण स्थिति और बिगड़ती जा रही है, इसका खामियाजा गर्भवती महिलाओं को उठाना पड़ता है। रेफर किए जाने पर कई बार गर्भवती महिलाओं की जान पर बन जाती है, कई ऐसी घटनाएं भी हो चुकी हैं, जिनमें रेफर करने पर गर्भवती की स्थिति बिगडऩे पर जान चली गई है।
ये हैं तीन कारण
डिले इन डिसीजन मेकिंग प्रसूता को घर से अस्पताल तक ले जाने में देरी।
डिले इन रैफर: अस्पताल से उच्च संस्थान अस्पताल में शिफ्ट करवाने का निर्णय लेने में देरी।
डिले इन ट्रांसपोर्ट: अस्पताल ले जाने के मार्ग में देरी होने से प्रसव होते हैं।
फैक्ट फाइल
संस्था रेफर
मुरार 425
माधौगंज 135
लक्ष्मीगंज 54
बिरलानगर 36
बिलौअ ा 45
डबरा 90
भितरवार 54
वीरपुर 18
लधेड़ी 18 जानकारी मांगी जाएगी
जेएएच में रैफरल केस ज्यादा आ रहे हैं, जबकि कई मामलों में प्रसूति गृहों में ही नार्मल डिलीवरी की जा सकती है। रैफरल केस की जानकारी मांगी जाएगी।
डॉ.जेएस सिकरवार, अधीक्षक, जेएएच