न्यायमूर्ति संजय यादव एवं न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की पीठ के समक्ष सुनवाई में आए इस मामले में प्रमुख सचिव व गुना कलेक्टर से न्यायालय ने कहा कि आपके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही चलाई जाएगी। शपथ पत्र पर गलत जानकारी दी गई है। इस पर दोनों ने अपना स्पष्टीकरण देने की बात कही, इस पर न्यायालय ने कहा कि आपको जो कुछ कहना है वह अपने वकील की जरिए 19 जून तक अपने जवाब में कहें।
याचिकाकर्ता बलराम पटवा ने एडवोकेट रविन्द्र दीक्षित के माध्यम से जनहित याचिका प्रस्तुत कर राघोगढ़ में शासन द्वारा कब्रिस्तान के लिए दी गई जमीन पर 60 दुकानें बनाए जाने पर हुए कहा कि इन दुकानों का निर्माण अवैध रूप से किया गया है। इस पर उच्च न्यायालय ने कलेक्टर को जांच के आदेश देते हुए निर्देश दिए थे कि यदि यह दुकानें अवैध हैं तो उन्हें हटाया जाए।
जांच में यह दुकानें बिना अनुमति के निर्माण होना पाई गई थीं। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ शासन ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट के आदेश को यथावत रखा था। इसके बाद उच्च न्यायालय में शासन द्वारा एक जवाब पेश कर कहा गया कि यहां बनाई गई दुकानों को हटाने की आवश्यकता नहीं है। न्यायालय ने इसे अवमानना मानते हुए दोनों अधिकारियों को तलब किया था।