एमसीएक्स और रीयल एस्टेट कारोबारियों के दो ठिकानों पर आयकर सर्वे
- आयकर विभाग के अधिकारियों ने रिटर्न नहीं दाखिल करने के चलते शुरू की कार्रवाई
- देर रात तक चलती रही कागजातों की जांच-पड़ताल

ग्वालियर. काफी दिनों से शांत आयकर विभाग ने फिर से मुस्तैदी दिखाई है। मंगलवार को आयकर विभाग ने शहर में के एमसीएक्स और रीयल एस्टेट कारोबारियों के दो ठिकानों पर एक साथ सर्वे की कार्रवाई प्रारंभ की। आयकर अधिकारियों ने इस सर्वे की कार्रवाई को अंजाम देते हुए दोपहर करीब दो बजे बाद ओल्ड हाईकोर्ट स्थित सूर्या टावर में संचालित वरधान कंस्ट्रक्शन और सनातन धर्म मंदिर रोड स्थित सेंट्रल मॉल में संचालित हार्दिक डिस्ट्रीब्यूटर प्रालि और मेरी डेवलपर्स प्रालि पर एक साथ दबिश दी। इस कार्रवाई में आयकर विभाग की 4 अलग-अलग टीमों ने सर्वे का काम शुरू किया। देर रात तक विभाग की टीमों ने दस्तावेजों और कागजातों के साथ अकाउंट्स का वेरीफिकेशन किया। टीमों ने यहां लगे कम्प्यूटर की डाटा भी अपने कब्जे में लिया है। आयकर अधिकारियों की मानें तो, यह कार्रवाई रिटर्न नहीं दाखिल करने के चलते की गई है और यहां से बड़ा कर अपवंचन निकल सकता है।
टीमों के पहुंचते ही मची खलबली
एमसीएक्स और रीयल एस्टेट कारोबारियों के ठिकानों पर आयकर अधिकारियों ने प्रवेश करते ही अपना परिचय दिया तो यहां सभी के बीच खलबली मच गई। जांच-पड़ताल कर रहे अधिकारियों ने सर्वे स्थल पर सभी के आने-जाने पर भी रोक लगा दी थी। यहां काम कर रहे कर्मचारियों और वरधान कंस्ट्रक्शन के संचालक ब्रजेश श्रीवास्तव के साथ हार्दिक डिस्ट्रीब्यूटर प्रालि के संचालक मोनू गुप्ता से भी पूछताछ की। ये कारोबारी बुलियन का काम भी करते हैं। इनके कोलकाता, मथुरा आदि जगहों पर भी ऑफिस होना बताया गया है।
पुलिस बल के साथ पहुंची टीमें
आयकर सर्वे की कार्रवाई के दौरान अधिकारियों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए टीम के साथ पुलिस बल भी मौजूद था। सर्वे कार्रवाई के दौरान ये पुलिस बल सभी को आने-जाने से रोक रहा था। चूंकि जिन स्थानों पर आयकर सर्वे की कार्रवाई हुई है, व्यापारिक क्षेत्र हैं। दोपहर में जैसे ही यहां आयकर विभाग की टीमें पहुंची वैसे ही लोगों के बीच चर्चा होने लगी।
...और बोर्ड हट गया
सेंट्रल मॉल की ऊपरी मंजिल पर बने हार्दिक डिस्ट्रीब्यूटर प्रालि के यहां आयकर विभाग की सर्वे कार्रवाई दोपहर को शुरू की गई थी। उस समय बाहर फर्म का बोर्ड लगा हुआ था, वहीं शाम तक यहां से ये बोर्ड गायब कर दिया गया।
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