बच्चों ने इस आयोजन में प्रस्तुति के लिए कई दिनों तक कड़ी मेहनत की थी और कड़ी स्पर्धा के बीच चुनकर आए थे, इसलिए वह अपना बेस्ट परफॉर्मेंस देना चाहते, इस मजबूरी में वह कीचड़ में सनने के बाद भी अपना हौसला बनाए रखे और प्रस्तुतियां देते रहे। इस मुद्दे पर कलेक्टर अनुराग चौधरी से जब पत्रिका ने बात करना चाही तो उनका फोन नहीं उठा।
वाटर प्रूफ मंच पर थे नेता
१४ अगस्त को बारिश से एसएएफ ग्राउंड पर पानी भर गया था, जो देर शाम निकाला गया, फिर भी कीचड़ की स्थिति बन गई। बारिश की संभावना को देख ध्वजारोहण के लिए आने वाले मंत्री व नेताओं, अफसरों के लिए वाटर प्रूफ मंच बनाया गया, लेकिन मैदान में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देने वाले बच्चों के लिए कोई इंतजाम नहीं किए। मैदान में कीचड़ देखने के बाद भी प्रशासन ने न तो कारपेट बिछवाया न मुरम डलवाई। कार्यक्रम में पशुपालन मंत्री लाखन सिंह द्वारा मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन किए जाने के बाद शहीदों के परिजनों का सम्मान किया गया। इसके बाद डॉग शो हुआ और फिर छह स्कूलों के चुने गए छात्र-छात्राओं की टीमों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। इसी दौरान तेज बारिश हुई, फिर भी बच्चे भीगते हुए और कीचड़ में फिसलते हुए प्रस्तुतियां देते रहे। लेकिन बच्चों के परफॉर्मेंस पर तालियां बजा रहे अधिकारियों के चेहरे तनिक भी मलाल नहीं दिख रहा था कि उनसे चूक हुई है, कीचड़ से बच्चों को बचाने के लिए कोई व्यवस्था की जानी चाहिए थी। अधिकारी कीचड़ से अपने कपड़े तो बचाते दिखे, लेकिन बच्चों के प्रति बेपरवाह रहे।
किसी का पैर फिसला, किसी पर कीचड़ उछला
कीचड़ से भरे मैदान में बच्चों ने खूब देशभक्ति का जज्बा दिखाया। उन्होंने अपने कपड़ों की तनिक भी परवाह नहीं की। प्रस्तुतियों के दौरान किसी का पैर फिसला, तो किसी के ऊपर कीचड़ उछला। कई बच्चों के पकड़े पूरी तरह मिट्टी में सन गए।
गंदगी के बीच स्वच्छता का संदेश
कार्यक्रम में केवी-१, पद्मा स्कूल, सेंट्रल एकेडमी, गजराराजा स्कूल, डीपीएस रायरू, मुरार नंबर-२ के बच्चों ने परफॉर्म किया। डीपीएस रायरू के बच्चों ने गंदगी में परफॉर्म कर स्वच्छता का संदेश दिया। इसमें उन्होंने हाथ में पॉलीथिन और झाड़ू लेकर सभी को अपने घर एवं आसपास की सफाई करने की समझाइश दी। इस प्रस्तुति को देखकर हर एक ने प्रशासन के ऊपर उंगली उठाई।
प्रशासन को सोचना था
हम लोग तेज बारिश में खड़े रहे और कीचड़ में प्रस्तुतियां दीं। 14 अगस्त को जब बारिश हो गई थी, तो प्रशासन को इसके लिए कुछ सोचना चाहिए था।
सोनू निगम
बहुत मेहनत की थी
स्वतंत्रता दिवस के लिए बहुत मेहनत की थी, यहां परफॉर्म किया हालांकि हमारे कपड़े खराब हुए और पैर भी फिसले, फिर भी हमारी प्रस्तुति को सराहना मिली।
अश्विनी दीक्षित
बेस्ट परफॉर्म करना था
प्रस्तुति के दौरान हमारे पैर फिसल रहे थे, लेकिन सामने अधिकारीगण थे। हमें परफॉर्म बेस्ट करना था, क्योंकि 15 टीमों के बीच हमारा सिलेक्शन हुआ था।
पूजा शर्मा
पहला मौका था
मैदान में कीचड़ था, लेकिन हमारे लिए यह पहला मौका था जब हम इस बड़े आयोजन का हिस्सा बने, इसलिए हमने बेहतर परफॉर्म किया।
आयुषि दीक्षित