scriptउत्पादन के क्षेत्र में दुनिया की नजर भारत पर | India is eyeing the world in the field of production | Patrika News

उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया की नजर भारत पर

locationग्वालियरPublished: Aug 20, 2019 07:19:38 pm

Submitted by:

Avdhesh Shrivastava

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के 11वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन को किया गया।

Foundation Day Celebrations

उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया की नजर भारत पर

ग्वालियर. भारत स्वतंत्रता से पहले सोने की चिडिय़ा कहलाता था। आज भी दुनिया में भारत को किसानों की मेहनत और कृषि वैज्ञानिकों के शोध के कारण सोने की चिडिय़ा के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि देश में अनाज, फल, सब्जियां, दूध का उत्पादन अधिक है। हम इस गौरव को स्थायी रखकर भारत को समृद्ध और खुशहाली की दिशा में ले जाने के नए आयाम छुएंगे। यह बात एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी झांसी के कुलपति डॉ. अरविंद अग्रवाल ने कही। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के 11वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन को किया गया।
गेहूं, सोयाबीन, धान उत्पादन हम में आगे : मुख्य अतिथि ने मप्र को लगातार कृषि कर्मण अवार्ड मिलने में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय की अहम भूमिका बताते हुए कहा कि इन नियमित सामूहिक प्रयासों से प्रदेश गेहूं, सोयाबीन, धान उत्पादन में अग्रणी है। इन सफलताओं के बावजूद वर्षा जल संरक्षण, कृषि क्षेत्र की समस्याओं का हमें मिलकर समाधान करना होगा। अध्यक्षता कर रहे कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसके राव ने देश के कृषि उत्पादन में मप्र का योगदान बताते हुए कहा कि कृषि विश्वविद्यालय बीहड़ भूमि का तिलहन फसलों के उपयोग की दिशा में सार्थक काम कर रहा है।
प्रो. राव ने स्टूडेंट्स से नौकरी की चिंता की बजाय अपने कौशल को रोजगार बनाने का आह्वान किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की शोध सफलताओं एवं बीज उत्पादन और विक्रय योजना पर व्यापक प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित विश्वविद्यालय के प्रमंडल सदस्य मुन्नालाल गोयल ने कहा कि पर्यावरण के समक्ष चुनौतियों के इस दौर में किसानों और कृषि वैज्ञानिक का संवाद और सहयोग जरूरी है। इसी से प्रकृति पर्यावरण, खेल खलिहान खुशहाल और हम आबाद रहेंगे।

इनका हुआ सम्मान: स्थापना दिवस पर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न अवार्ड प्राप्त करने के लिए किसानों एवं वैज्ञानिकों तथा उत्कृष्ट छात्रों का सम्मानित किया गया। इसमें कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम. यासीन, डॉ. आईएस. तोमर, डॉ. एके बढ़ोलिया, जीएस गठिये, डॉ. एके सक्सेना सीहोर, गजाला खान उज्जैन, डॉ. केएस किरार धार, डॉ. बीएस गुप्ता अशोक नगर, डॉ. आरपी शर्मा, डॉ. एसके बढ़ोदिया, डॉ. जीएस कुल्मी, .डॉ. आरकेएस तोमर, स्टूडेंट मधुरजीत सिंह, नटराजन आर्थी, यश्वनी गर्ग, सितिका राजपूत आदि शमिल थे।
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