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विश्व संग्रहालय दिवस पर विशेष: श्योपुर में बना है देश का एकमात्र,‘सहरिया संग्रहालय’, जहां मिलती है सहरिया जाति की अनदेखी वस्तुऐं

locationग्वालियरPublished: May 18, 2019 02:30:12 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

विश्व संग्रहालय दिवस पर विशेष: श्योपुर में बना है देश का एकमात्र,‘सहरिया संग्रहालय’, जहां मिलती है सहरिया जाति की अनदेखी वस्तुऐं

india's one and only sahariya museum in sheopur

विश्व संग्रहालय दिवस पर विशेष:श्योपुर में बना है देश का एकमात्र,‘सहरिया संग्रहालय’, जहां मिलती है सहरिया जाति की अनदेशी वस्तुऐं

श्योपुर. जिले में निवासरत सहरिया जनजाति की संस्कृति अद्वितीय है, तो उससे भी अद्वितीय है सहरिया आदिवासी संस्कृति से रूबरू कराता श्योपुर का सहरिया संग्रहालय है। ये संभाग या प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में एकमात्र सहरिया संग्रहालय श्योपुर की पहचान बन चुका है।

यही वजह है कि ये संग्रहालय श्योपुर सहित ग्वालियर-चंबल संभाग में फैले सहरिया समाज की सांस्कृतिक विरासत मुखड़ा कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। हालांकि शासन-प्रशासन की उदासीनता बाद भी सहरिया संग्रहालय अब जैसे-तैसे चल रहा है, लेकिन आज भी सहरिया संग्रहालय को देखने देश भर से पर्यटक आते हैं बल्कि संस्कृति या जनजातियों पर शोध करने वाले छात्रों के लिए भी ये एक अप्रत्यक्ष पाठ्यक्रम बन चुका है।

श्योपुर के ऐतिहासिक किला परिसर में संचालित इस संग्रहालय में सहरिया समाज की संस्कृति के जीवंत दर्शन होते हैं। सहरिया समाज के खान-पान, रहन-सहन, पहनावा, ज्वैलरी, आवास आदि के बारे में संग्रहालय में विस्तार से डिस्पले किया हुआ है। ज्वैलरी सेक्शन में सहरिया महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले आभूषण, वनोपज सेक्शन में सहरिया समाज की वनोपज आजीविका के बारे में भी अलग से बताया गया है। कुएं से पानी भरने, हथाई या बंगला, सहरियाओं के वाद्ययंत्र, सहरिया बच्चों के खिलौने आदि से सहरिया संस्कृति के अनूठेपन का अहसास कराते हैं।


1986 में बनी परिकल्पना, 1990 में हुई साकार
सहरिया जनजाति की अपनी एक विशिष्ट संस्कृति रही है, जिसे संरक्षण एवं संवर्धन की दृष्टि से सहरिया विकास अभिकरण, नगरपालिका श्योपुर और पुरातत्त्व संरक्षण समिति के माध्यम से सहरिया संग्रहालय के रूप में फ्रेम किया गया है। ग्वालियर-चंबल के तत्कालीन कमिश्नर और सहरिया विकास प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष अजय शंकर ने वर्ष 198 6 में इसकी परिकल्पना की और पुरातत्त्व संरक्षण समिति बनाई। समिति ने जिले के सहरिया गांवों में पहुंचकर न केवल अध्ययन किया बल्कि सहरिया संस्कृति से जुड़ी सामग्री संकलित की। जिसके बाद वर्ष 1990 में श्योपुर किला स्थिति बड़े भवन में सहरिया संग्रहालय स्थापित किया गया।

पूरे देश में एकमात्र सहरिया संग्रहालय है जो श्योपुर में है, यहां सैलानी तो आते हैं, बल्कि जनजाति पर शोध करने वाले शोधार्थी छात्रों के लिए भी यहां काफी सामग्री है। संग्रहालय में सहरिया समाज के पूरे जीवन दर्शन का समावेश है।
आदित्य चौहान, प्रभारी, सहरिया संग्रहालय श्योपुर

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