भारत का स्पोट्र्स कल्चर बेहतर
एलएनआइपीई में आयोजित सात दिवसीय स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग सेमिनार का समापन ।
भारत का स्पोट्र्स कल्चर बेहतर
ग्वालियर. जब मैं सात साल पहले भारत आया था तब और अब के स्पोट्र्स कल्चर में काफी अंतर आया है। भारतीय खिलाडिय़ों का अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन भी इस बात का पुष्टि करता है। भारत में अब स्पोट्र्स कल्चर बेहतर है। भारतीय कोच और खिलाडिय़ों की तुलना अगर एशियन महाद्वीप के अन्य देशों से की जाए तो यहां के प्रशिक्षक व खिलाड़ी नवीन जानकारियों व सूचनाओं के बारे में अधिक उत्सुक हैं और उनमें सीखने की ललक दिखती है। मैं उत्सूक हूंं, अगले वर्ष हम फिर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में मिलें। यह बात एलएनआइपीई में आयोजित सात दिवसीय स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग सेमिनार के समापन अवसर पर इटली से आए प्रो. कार्लो बुजिछेली ने कही।
लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान में 20 से 26 अगस्त तक आयोजित सात दिवसीय कार्यशाला का समापन सोमवार को संस्थान के कुलपति प्रो. दिलीप कुमार डुरेहा के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। समारोह में विशिष्ट अतिथि प्रो. एस मुखर्जी (डीन, एकेडमिक्स, विभागाध्यक्ष पी.ई.पी) व प्रो कार्लो बुजिछेली रहे। समारोह में सर्वप्रथम कार्यशाला के विशेषज्ञ प्रो. कार्लो, मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. डुरेहा व विशिष्ट अतिथि प्रो. एस मुखर्जी का स्वागत किया गया।
कुलपति प्रो. डुरेहा ने कहा कि एलएनआइपीई में ऐसे सेमिनार का आयोजन करें जो देश के खिलाडिय़ों, विभिन्न सेना से जुड़े जवानों, आमजनों को फिट रखने तथा उनके लक्ष्यों को आसान तथा पूर्ण करने में सहायता करें।
प्रो. कार्लो की सहायता से क्यूबा के स्पोट्र्स साइंटिस्ट व विशेषज्ञों से भी संपर्क साधा है और जल्द ही क्यूबन के साथ एक एमओयू साइन करेंगे। आयोजन सचिव डॉ. गौरव सनौत्रा ने बताया, कार्यशाला में देश के 17 राज्यों से कुल 90 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। समापन समारोह में कार्यक्रम का संचालन डॉ. वायएस राजपूत, स्वागत भाषण डॉ. मोरध्वज सिंह ने किया।
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