scriptकंपनियों को 15 जून तक देनी होगी जानकारी | Information will be given to companies by June 15 | Patrika News

कंपनियों को 15 जून तक देनी होगी जानकारी

locationग्वालियरPublished: Apr 26, 2019 01:22:32 am

-पूर्व में 25 अप्रेल थी अंतिम तारीख
– प्रदेश में 32 हजार और ग्वालियर में तीन हजार से अधिक कंपनियों को देनी है जानकारी
– फर्जी डमी कंपनियों को रोकने कॉर्पोरेट मंत्रालय ने लिया था फैसला

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कंपनियों को 15 जून तक देनी होगी जानकारी

ग्वालियर. कंपनियों द्वारा अपने पंजीकृत कार्यालयों की तस्वीर एवं उनकी जियोटैङ्क्षगग स्थिति की जानकारी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी (आरओसी) को भेजने की तारीख कॉर्पोरेट मंत्रालय ने बढ़ा दी है। अब यह 15 जून तक भेजी जा सकेगी। केवायसी की यह जानकारी पहले 25 अप्रेल तक भेजी जानी थी।
मध्यप्रदेश में आरओसी ग्वालियर के तहत करीब 32 हजार कंपनियां रजिस्टर्ड हैं, वहीं ग्वालियर में इनकी संख्या तीन हजार से अधिक बताई जाती है। इन सभी को अपने दफ्तर की फोटो, जियोटैङ्क्षगग सभी नए इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म एक्टिव वन (एक्टिव कंपनी टैङ्क्षगग आइडेंटीटीज एंड वेरिफिकेशन) में भरकर देना है। मंत्रालय ने कहा है कि कंपनियों को अपने पंजीकृत कार्यालय एवं फॉर्म पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख अधिकारी की तस्वीर भी भेजनी होगी। दरअसल, यह सारी कवायद पूरे देश में तेजी से फर्जी, डमी कंपनियों की बढ़ती तादाद को रोकने के लिए की जा रही है।
केवायसी नहीं कराने पर यह पाबंदी लगेंगी
– 10 हजार रुपए लेट फीस देनी होगी।

– डिफॉल्टरों को एक्टिव नॉन कम्पलांयट घोषित किया जाएगा।
– इनके डायरेक्टर और रजिस्टर्ड ऑफिस बदलने पर भी पाबंदी होगी।
कैट ने की थी तारीख बढ़ाने की मांग
प्राइवेट एवं पब्लिक लिमिटेड कंपनियों की केवायसी की तारीख बढ़ाने की मांग कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया टै्रडर्स (कैट) ने की थी। इसके लिए कैट ने अरुण जेटली एवं पीपी चौधरी को पत्र लिखकर 19 अप्रेल को दिल्ली में मुलाकात की थी। कैट के मध्यप्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन ने बताया कि अब इसकी लेट फीस को लेकर कैट भारत सरकार के सामने अपना पक्ष रखेगी, जिसमें छोटी कंपनियों को केवायसी के दायरे से बाहर करना होगा। इसके लिए शीघ्र ही भारत सरकार के कंपनी मामलों के सचिव से भेंट कर मांग रखी जाएगी।
तारीख बढऩे से राहत मिलेगी
कॉर्पोरेट मंत्रालय की ओर से कंपनियों को केवायसी कराने की तारीख बढ़ाने से काफी राहत मिलेगी। कंपनी के इस काम में समय लग रहा था। प्रदेशभर में अभी तक करीब एक हजार कंपनियों ने ही अपनी जियोटैगिंग कराई होगी।
– मयूर गर्ग, सीए

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