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शहर के इनोवेशन को देश-दुनिया में मिल रही पहचान

locationग्वालियरPublished: Feb 11, 2019 09:42:12 pm

Submitted by:

Harish kushwah

मेरी मां को पैरालाइज अटैक पड़ा। वे चलने-फिरने में भी असमर्थ हो गईं। दैनिक कार्यों में भी उन्हें प्रॉब्लम होने लगी, तब मैंने उनके लिए बायोटायलेट चेयर तैयार की। इससे उन्हें नित्य कार्यों की परेशानी खत्म हुई।

Innovation

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ग्वालियर. मेरी मां को पैरालाइज अटैक पड़ा। वे चलने-फिरने में भी असमर्थ हो गईं। दैनिक कार्यों में भी उन्हें प्रॉब्लम होने लगी, तब मैंने उनके लिए बायोटायलेट चेयर तैयार की। इससे उन्हें नित्य कार्यों की परेशानी खत्म हुई। इस मोबाइल टायलेट है, जिसे कहीं भी लेकर जा सकता है। मेरे इस इनोवेशन को देश-दुनिया में सराहना मिली और मुझे विशाखापट्टनम में आयोजित इनोवेशन फेयर में इंटरनेशनल गोल्ड इनोवेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र में इस डिजाइन पर बायो टॉयलेट लगाए जा रहे हैं। यह इनोवेशन कर दिखाया है शहर के जयसिंह नरवरिया ने। ऐसे शहर में कई इनोवेटर हैं, जिन्होंने देश-दुनिया में ग्वालियर को पहचान दिलाई है। आज इनोवेटर डे है। हम आपको कुछ ऐसे ही लोगों से परिचित करा रहे हैं।
मेट्रो में बैठने के लिए तैयार की बुक चेयर

अपने काम के सिलसिले से मुझे बाहर आना जाना पड़ता है। मेट्रो आदि में बैठने के लिए जगह नहीं मिलती थी। इस पर मेरे दिमाग में आया कि क्यों न मैं एक ऐसी चेयर तैयार करूं, जो बैग के अंदर रखी जा सके और उसका इस्तेमाल भी कर सकें। इस पर मैंने बुक चेयर तैयार की। यह दिखने में बिल्कुल किताब की तरह है और खुल जाने पर स्टूल बन जाता है। इो मैं ट्रेवलिंग पर ले जाता हूं और यूज करता हूं। यह चेयर कार्ड बोर्ड से बनी है, जिसमें 150 केजी तक का व्यक्ति बैठ सकता है। मेरे इस कॉन्सेप्ट पर मुझे कई अवार्ड मिल चुके हैं। स्टेट गवर्नमेंट ने भी मुझे पुरस्कृत किया है।
सौरभ धेपते, स्टूडेंट

कहीं भी लेकर जा सकते हैं मोबाइल टॉयलेट

टॉयलेट चेयर सीनियर सिटीजन, हैंडीकैप, बैक बोन से पीड़ित पेशेंट्स के लिए अच्छा विकल्प है। इसमें न मल की बदबू आती है और न ही फेंकने की समस्या होती है। इनबिल्ट टैंक में मौजूद बैक्टीरिया मल को डाइजेस्ट कर देता है और सिर्फ पानी ही बाहर आता है। इसके लिए एक टोटी चेयर के पीछे लगाई गई है। इस पानी को गार्डन में यूज किया जा सकता है। इस चेयर को देश-दुनिया में पसंद किया गजा रहा है। इस पर जय सिंह को कई अवार्ड भी मिल चुके हैं। जयसिंह को इस इनोवेशन के लिए प्रोविजनल पेटेंट मिल चुका है। छह माह बाद फाइनल पेटंट हो भी हो जाएगा।
जयसिंह नरवरिया, प्रोजेक्ट ऑफिसर, जिला पंचायत

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