ग्वालियर

शहर के विकास पर चर्चा के बजाय पार्षदों ने अटैची के लिए दिखाई एकजुटता

पार्षद बाबूलाल चौरसिया ने पार्षदों को अटैची दिए जाने का मामला उठाया, जिस पर महापौर विवेक शेजवलकर ने सहमति देते हुए नेता प्रतिपक्ष से पूछा कि अगर वह तैयार हैं तो सभी पार्षदों को नगर निगम के पैसों से अटैची दिलाई जा सकती है

ग्वालियरMar 01, 2019 / 01:33 am

Rahul rai

शहर के विकास पर चर्चा के बजाय पार्षदों ने अटैची के लिए दिखाई एकजुटता

ग्वालियर। बजट में संशोधन प्रस्तावों पर चर्चा के लिए बुलाए गए नगर निगम परिषद के विशेष सम्मेलन में विपक्ष के सभी संशोधन को अमान्य कर सत्तापक्ष ने बहुमत से बजट पास कर दिया। इसके अलावा किसी भी बिंदु पर सत्तापक्ष ने चर्चा नहीं की, जबकि अमृत घोटाला, प्रतिदिन पानी देने के मुद्दे और शहर की उखड़ी सडक़ों पर चर्चा हो सकती थी। उधर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के बजाय पार्षद खुद को लाभ पहुंचाने के मामले में एकजुट दिखाई दिए।
 

इस दौरान पार्षद बाबूलाल चौरसिया ने पार्षदों को अटैची दिए जाने का मामला उठाया, जिस पर महापौर विवेक शेजवलकर ने सहमति देते हुए नेता प्रतिपक्ष से पूछा कि अगर वह तैयार हैं तो सभी पार्षदों को नगर निगम के पैसों से अटैची दिलाई जा सकती है। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दो साल पहले जब पार्षदों से मोबाइल, लेपटॉप वापस कराए थे, तब आपने निर्णय क्यों नहीं किया। इसके बाद पार्षदों को अटैची देने का निर्णय पैनल सभापित ने सुना दिया, जिसका विरोध किसी ने नहीं किया।
 

ऐसे पास हुआ बजट
-निगम परिषद की बजट बैठक में वही हुआ जो पहले होता आया है। विपक्ष के कांग्रेस पार्षदों ने 6 बिंदुओं पर संशोधन प्रस्ताव लगाए, इनमें कुछ मदों पर राशि घटाने और कुछ मदों पर राशि बढ़ाने की मांग की गई थी, लेकिन सत्तापक्ष ने कांग्रेसी पार्षदों की किसी भी बिंदु पर बात नहीं मानी। विपक्ष के बिंदुओं पर हाथ खड़े करवाकर वोटिंग कराई और सभी बिंदु अमान्य करते हुए बहुमत से बजट पास कर दिया गया। संशोधन प्रस्ताव उपनेता प्रतिपक्ष चतुर्भुज धनौलिया और राजेश सिंह भदौरिया द्वारा लगाए गए थे।
 

यह थे प्रस्ताव
शहर में नगर निगम द्वारा संचालित आयुर्वेदिक औषधालयों में दवाओं के लिए मात्र ढाई लाख और नवसंवत्सर के आयोजन के लिए 40 लाख का बजट तय करने पर विपक्ष की ओर से संशोधन प्रस्ताव लगाया गया। इसके साथ ही निर्माण प्रकोष्ठ में पूंजीगत व्यय में अधिकारी कर्मचारी आवास के मद में राशि 10 हजार की जगह 3 करोड़ करने की मांग की गई, वहीं नव संवत्सर के लिए 40 लाख रुपए की जगह 5 लाख रुपए करने की मांग की गई है। बजट में निगम के आयोजन, उत्सव, व्यवस्था के लिए 50 लाख की जगह 5 लाख करने की मांग की गई, इसके साथ ही परिषद तथा अतिथि सत्कार व्यय 50 लाख की जगह 2 लाख करने की मांग की गई। निगम के औषधालयों में दवाओं के लिए 2.50 लाख रुपए की जगह 15 लाख रुपए करने की मांग की गई, लेकिन उक्त प्रस्तावों पर संशोधन करने की जगह सभी प्रस्ताव बहुमत से पास कर दिए गए।
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