संभागीय आयुक्त एमबी ओझा ने छात्रवृत्ति के लंबित प्रकरणों की समीक्षा के दौरान संबंधित अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए चेतावनी दी है कि छात्र-छात्राओं को समय पर छात्रवृत्ति न मिलना आपत्तिजनक है। सभी जिम्मेदार अधिकारी आने वाले सात दिन में जितने भी प्रकरण हैं, उनका निराकरण करें। 15 दिन बाद फिर से समीक्षा होगी और अगर स्वीकृति और वितरण में लापरवाही सामने आई तो दोषी अधिकारी और कर्मचारियों के साथ प्राचार्यों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
सभाागायुक्त ने सभी नोडल प्राचार्यों से कहा कि वे स्वयं मॉनीटरिंग करके प्रकरण निराकृत कराएं। जिन कॉलेजों के प्रकरण लंबित मिले उनकी मान्यता निरस्त करनेकी कार्यवाही की जाएगी। बैठक में संभागीय उपायुक्त आदिम जाति कल्याण ऊषा सिंह ने लंबित छात्रवृत्ति प्रकरणों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान संयुक्त आयुक्त विकास राजकुमार शर्मा, संभागीय प्रबंधक वीपीएस तोमर, प्रभारी सहायक आयुक्त दीपशिखा भगत सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।