scriptखुफिया एजेंसियां अलर्ट, कर रहीं पड़ताल, केंद्र ने मांगी जानकारी | Intelligence agencies alert, investigated, Center sought information | Patrika News

खुफिया एजेंसियां अलर्ट, कर रहीं पड़ताल, केंद्र ने मांगी जानकारी

locationग्वालियरPublished: Feb 18, 2019 06:49:56 pm

पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले का सोशल मीडिया पर समर्थन करने से शक के दायरे में आए जीवाजी विश्वविद्यालय के कश्मीरी छात्र मुसादिक

musadiq

खुफिया एजेंसियां अलर्ट, कर रहीं पड़ताल, केंद्र ने मांगी जानकारी

ग्वालियर. पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले का सोशल मीडिया पर समर्थन करने से शक के दायरे में आए जीवाजी विश्वविद्यालय के कश्मीरी छात्र मुसादिक फैयाज को लेकर खुफिया एंजेसियां भी अलर्ट हो गई हैं और उसकी पड़ताल में जुट गई हैं। केन्द्र सरकार द्वारा भी उसके साथ जीवाजी विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वाले कश्मीरी छात्रों के संबंध में जानकारी मांगी गई है। तीन साल में यह चौथी घटना है, जिसमें शहर से ताल्लुक रखने वाले कश्मीरी छात्रों ने देश के खिलाफ जहर उगला है। अभी तक दो मामलों में पुलिस ने कश्मीरी युवकों को आरोपी बनाया है, लेकिन किसी भी आरोपी को पुलिस राउंडअप नहीं कर पाई है। उधर खुफिया एजेंसियां इस आशंका से इंकार नहीं कर रही हैं कि खुलेआम आतंकियों की पैरवी करने वाले कश्मीरी छात्र पढ़ाई की आड़ में यहां रहकर तमाम जानकारियां भी उन तक पहुंचाते रहे हैं। मुसादिक फैयाज के संबंध में पता लगाया जा रहा है कि उसके शहर में किन लोगों से ताल्लुक हैं, यहां उसका रवैया कैसा रहा है। पुलिस का कहना है कि रेकॉर्ड में वांटेड आरोपियों को तलाशा जा रहा है। कश्मीर में लोकल पुलिस का मुखबिर तंत्र नहीं होने से इन वांटेड्स के संबंध में जानकारी आसानी से नहीं मिलती है, इसलिए खुफिया एजेंसियों के जरिए आरोपियों की जानकारी जुटाई गई है।
संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने से बढ़ा शक
सूत्रों के मुताबिक जीवाजी विश्वविद्यालय से ताल्लुक रखने वाले कश्मीरी छात्रों की संदिग्ध गतिविधियों में गिनती बढऩे से केन्द्र सरकार के स्तर पर भी पड़ताल शुरू हो गई है। बताया गया है कि जीवाजी विश्वविद्यालय में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों के बारे में केन्द्र ने पूरा ब्यौरा मांगा है।

अब तक यह मामले सामने आए
27 जून 2017— अनंतनाग, शोफिया निवासी शेह मुद्दसर ने 20 जून 2017 को सुबह 3:12 बजे फेसबुक पर टीम इंडिया के लिए आपत्तिजनक कमेंट्स किया था। चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की पाकिस्तान से हार पर महलगांव निवासी ने पोस्ट डाली थी। शेह मुद्दसर उस समय जीवाजी विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहा था महल गांव में उसकी कई लोगों से दोस्ती थी। मामला सामने आने पर पुलिस ने उसका एफबी एकाउंट खंगाला तो उसमें आतंकियों को शहीद कहने वाली पोस्ट भी शेयर किया जाना पता चला था। इस मामले में विश्वविद्यालय पुलिस ने महलगांव निवासी उसके नाबालिग दोस्त सहित उस पर केस दर्ज किया था, लेकिन सिर्फ नाबालिग दोस्त को अरेस्ट किया गया है। करीब डेढ़ साल बाद भी कश्मीरी छात्र पकड़ से बाहर है।
11 जुलाई 2018- तनमंडी रजौरी, जम्मू निवासी वकार भाटी ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन से फेसबुक पर लाइव कर देश के कानून पर खुलेआम कमेंट्स कर धमकी दी थी कि देश में उसके मजहब का कानून चलता रहा है और आगे भी चलेगा, वह ग्वालियर में है जिसमें दम है वह सामने आए। पुलिस ने उसे तलाशा तो पता चला कि वह पत्नी के साथ 5 जुलाई को सुबह 5:30 बजे गिरनार रेस्ट हाउस में आया था और तीन दिन तक रुका था। गेस्ट हाउस स्टाफ ने खुलासा कि वह पांच साल से लगातार यहां आता रहा है। उस पर पड़ाव पुलिस ने केस दर्ज तो किया, लेकिन उसे पकड़ नहीं पाई। पुलिस का कहना है कि उसकी तलाश में दो बार पार्टी कश्मीर भेजी गई, लेकिन वह नहीं मिला।
हथियारों के साथ पोस्ट- जीवाजी विश्वविद्यालय से 2011 में एमफिल करने वाले सबजार बशीर उर्फ तजामुल इस्लाम की फेसबुक वॉल पर अत्याधुनिक हथियार और आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ज्वॉइन करने की पोस्ट शेयर की गई थी। इस पर पुलिस और खुफिया एजेसिंया अलर्ट हुई थीं। विश्वविद्यालय में उसका रेकॉर्ड खंगाला गया तो पता चला कि उसने 2010 में भोपाल से पीजी किया है।
16 फरवरी 2019- कांजीपुरा, बांदीपुर कश्मीर निवासी मुसादिक पुत्र फैयाज अहमद मल्लाह पर आरोप है कि उसने सीआरपीएफ की बस पर आत्मघाती हमला करने वाले आतंकियों के समर्थन में जारी पोस्ट को लाइक कर समर्थन दिया है। इस पर पुलिस और खुफिया एजेंसियां उसकी पड़ताल में जुटी हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो