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ब्रेकिंग न्यूज- पुलिस निगरानी से भागा घुसपैठिया अलमक्की, थाने में करता था मौज

locationग्वालियरPublished: Jun 14, 2018 11:31:23 am

Submitted by:

Gaurav Sen

पुलिस निगरानी से भागा घुसपैठिया अलमक्की, थाने में करता था मौज

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पुलिस निगरानी से भागा घुसपैठिया अलमक्की, थाने में करता था मौज

ग्वालियर। करीब आठ महीने से पड़ाव थाने में मौज काट रहा घुसपैठिया अल मक्की मंगलवार की रात पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। पुलिस निगरानी में रह रहे अल मक्की के गायब होने से हड़कंप मच गया। पत्रिका ने 31 मई के अंक में अल मक्की की थाने में ऐश और उसकी संदेहास्पद गतिविधियों का खुलासा किया था। इसके बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियां हरकत में आई थीं। सख्ती बढ़ाई गई और उसे थाने से शिफ्ट करने की तैयारी चल रही थी। इस बीच उसके भाग निकलने से कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। अलमक्की के खिलाफ विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। उसके संभावित ठिकानों और मददगारों को खंगाला जा रहा है।

पुलिस की थ्योरी पर सवाल
अल मक्की के गायब होने की पुलिस की थ्योरी हजम नहीं हो रही। पड़ाव टीआई संतोष सिंह के मुताबिक मंगलवार की शाम को आरक्षक विजयशंकर उसे बाइक से एजी आफिस के पास मस्जिद लेकर गया था। लौटते वक्त एलआईसी तिराहे पर उसने लघुशंका के लिए बाइक रोकने को कहा। गाड़ी धीमी हुई तो वह उतरकर भाग निकला। दूसरी ओर, मंगलवार की शाम का कुछ और ही घटनाक्रम सामने आ रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार शाम करीब 5.15 बजे अलमक्की मस्जिद जाने के लिए आरक्षक के साथ थाने से निकला। रोज वह आखिरी नमाज के बाद करीब 9.15 बजे तक लौट आता था। मंगलवार की रात करीब 9.40 बजे जब यह पता चला कि वह कमरे में नहीं है, थाने में हंगामा मच गया। कमरे में उसकी धार्मिक पुस्तक और चादर पड़ी हुई थी। नमाज के लिए जाते वक्त वह किताब साथ ले जाता था।

अफसरों को सूचना दी गई। मस्जिद में पूछताछ की गई तो पता चला कि रात 8.30 बजे अफ्तार में अलमक्की और विजयशंकर मौजूद थे। उसके बाद दोनों कहां गए पता नहीं। रात की नमाज में अलमक्की शमिल नहीं था। पत्रिका ने 31 मई को खुलासा किया था कि 24 घंटे पुलिस की निगरानी में रह रहा घुसपैठिया अलमक्की ऐश कर रहा है। थाने के अंदर बेधड़क मोबाइल फोन और लैपटॉप चलाता है। विदेशी अलमक्की को 21 सितंबर 2014 को पकड़ा गया था। उसके पास वैध दस्तावेज नहीं थे। वह संदिग्ध दस्तावेजों के आधार पर सिम खरीदने की कोशिश कर रहा था। उसके पास बांग्लादेश और सऊदी अरब के संदेहास्पद पहचान के कागजात मिले थे। ठोस सबूतों के अभाव में कोर्ट ने 2017 में उसे बरी करते हुए उसे उसके देश भेजने का आदेश दिया था। लेकिन तब से पुलिस उससे उसका पता-ठिकाना ही नहीं उगलवा सकी। पुलिस उसे भेजने के प्रयास करने की बजाय उसकी तीमारदारी में लगी हुई थी।पड़ाव पुलिस की निगरानी में आठ महीने मौज कर बेहद रहस्मय अंदाज में गायब हुआ घुसपैठिया अलमक्की मस्जिद में भी कई लोगों के लिए पहेली बना था।

 

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मस्जिद में आने वालों ने बुधवार को पत्रिका को बताया अलमक्की को वह लंबे समय तक पुलिस का अधिकारी समझते रहे क्योंकि घुसपैठिया नमाज के लिए सिपाही के साथ आता था।अक्सर उसे डायल 100 गाड़ी मस्जिद लाती थी। हाथ में दो मोबाइल फोन लेकर आता था। नमाज से काफी देर पहले आता, घंटो फोन पर अकेले में बातें करता। उस दौरान उसकी निगरानी के लिए साथ आया आरक्षक भी दूर खड़ा रहकर उसको देखता रहता। कुछ दिन पहले खबर प्रकाशित हुई तो हकीकत पता चली कि अलमक्की घुसपैठिया है और पुलिस की निगरानी में है।

घुसपैठिए की प्रोफाइल
नाम- अहमद सिद्दीकी, उर्फ अलमक्की
पिता का नाम- अबू बकर सिददीकी
मां का नाम- आसमा बेगम
भाई- ताहिर, जाकिर, अब्दुल्ला, मोहम्मद और बहन अहलम
निवासी – मक्का साउदी अरब
वर्तमान पता- ढाका बांग्लादेश
जन्म स्थान- मक्का
योग्यता- हाफिज एवं आलिम
भाषा जानता है- अरबी, उर्दू और हिंदी
खुलासे के बाद कम किया आना
 
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