ग्राहकों के लिए यह व्यवस्था अनिवार्य की गई है कि वह दो लाख या इससे अधिक वैल्यू के जो भी चेक जारी करेंगे, उनकी डिटेल तुरंत बैंक को देंगे। इसके लिए बैंक ग्राहक से फॉर्म भी भरवा रहे हैं जिसमें भुगतान पाने वाले का नाम, भुगतान की जाने वाली राशि, चेक संख्या आदि की जानकारी मांगी जा रही है। ग्राहक बैंक को चेक जारी करते समय ही ये सारी जानकारी नहीं देता है तो उसके भुगतान को रोका जा रहा है
बड़ा चेक मिलने पर एसबीआइ फोन करके पूछ रहा
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से पीपीएस सिस्टम के तहत मिलने वाले दो लाख रुपए से अधिक के चेक पर ग्राहक के फोन पर पूछा जा रहा है। यदि दूसरे बैंकों में भी यही सिस्टम हो जाए तो ग्राहकों की परेशानी कम हो जाएगी। एसबीआइ के रीजनल मैनेजर जयदीप शर्मा ने बताया कि हमारी बैंक पहले से ही बड़ी रकम के चेक को लेकर ग्राहकों से पूछती रही है। इससे उन्हें असुविधा नहीं होती है।
हमने 5-5 लाख रुपए के दो चेक लगाए थे। इसके लिए कोषाध्यक्ष ने फोन पर सूचना भी दे दी थी। खातों में पर्याप्त रकम होने के बावजूद भी बैंक ने अन्य कारण लिखकर वापस कर दिए हैं। इस नए सिस्टम से बड़े ग्राहकों को खासी परेशानी हो रही है।
– सोनू वाजपेयी, सचिव, अचलेश्वर महादेव न्यास ट्रस्ट
हमारी बैंक ने सभी ग्राहकों को इसके लिए मैसेज भेजकर सूचित कर दिया था। 1 अक्टूबर से दो लाख रुपए से अधिक का चेक लगाने पर पीपीएस सिस्टम लागू होने के बाद कई ग्राहकों के चेक वापस हो रहे हैं। इसके लिए बैंक में रखा फॉर्म ग्राहक को भरकर देना होगा।
– अनंत खरे, मुख्य प्रबंधक, इंडियन बैंक शाखा जयेंद्रगंज
1 अक्टूबर से बैंकों में पीपीएस सिस्टम को लागू कर दिया गया है। इसमें ग्राहक यदि दो लाख से अधिक रुपए का चेक लगाता है तो उसे पहले बैंक को सूचना देनी पड़ेगी। जहां तक मुझे मालूम है नॉन फायनेंशियल रीजन होने के कारण इस पर रुपए नहीं काटे जाने चाहिए। फिर भी आप बता रहे हैं तो इसके लिए मैं निजी बैंकों से बात करता हूं।
– सुशील कुमार, अग्रणी जिला प्रबंधक