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स्थानीय उत्पादों को गुणवत्ता के साथ बनाना जरूरी

locationग्वालियरPublished: Oct 30, 2021 08:10:02 pm

Submitted by:

Mahesh Gupta

आइटीएम यूनिवॢसटी में विज्डम लेक्चर

स्थानीय उत्पादों को गुणवत्ता के साथ बनाना जरूरी

स्थानीय उत्पादों को गुणवत्ता के साथ बनाना जरूरी

ग्वालियर
महामारी के परिदृश्य में आत्मनिर्भर भारत केंद्र स्तर का मुद्दा बन गया है। स्थानीय उत्पादों को अच्छी गुणवत्ता के साथ बनाना अधिक महत्वपूर्ण है, जो विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी हैं। आत्मनिर्भरता को ‘हैप्पी कस्टमर्स’ बनाने पर ध्यान देना चाहिए। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों पर लगातार ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह जानकारी दे रहे थे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइएसएम) धनबाद के चेयरमैन, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स प्रो डॉ प्रेम व्रत। वे आइटीएम यूनिवर्सिटी के 9वें विज्डम लेक्चर सीरिज में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। वाइस चांसलर डॉ एसएस भाकर ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत समय की मांग है। हमें स्थानीय और वैश्विक दोनों तरह की मानसिकता रखनी चाहिए। आत्मनिर्भर भारत अभियान के प्रमुख पांच स्तम्भ है। जिनमें अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी, जनसंख्यिकी, डिमांड शामिल हैं।
मन और मानसिकता का मेल होना जरूरी
प्रो प्रेम व्रत ने कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए मन और मानसिकता का मेल होना जरूरी है। उन्होंने 21वीं सदी में विश्व स्तर की गुणवत्ता और आत्मनिर्भरता के लिए भारत को सही मायने में सक्षम बनाने के लिए 21 मंत्र साझा किए।
उन्होंने कहा कि देश में तेजी से आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए नीति निर्माताओं द्वारा इसे अपनाया जाना चाहिए। इसके बाद सवाल-जवाब का सत्र आयोजित किया गया, जिसमें स्टूडेंट्स ने विषय से संबंधित विभिन्न सवाल पूछे गए। आखिर में स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की डॉ. वंदना भारती ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
ये हैं आत्मनिर्भर भारत अभियान के पांच स्तम्भ
आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में वैश्वीकरण का बहिष्कार नहीं किया जाएगा, बल्कि दुनिया के विकास में मदद की जाएगी। मिशन को दो चरणों में लागू किया जाएगा। प्रथम चरण में चिकित्सा, वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक, खिलौने जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे स्थानीय निर्माण और निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके। द्वितीय चरण में रत्न एवं आभूषण, फार्मा, स्टील जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा।¿
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