जालसाजो का गुरू आईटीआई का छात्र है। उसने दो महीने पहले प्रधानमंत्री साक्ष्रता मिशन की आड़ में गांववालों को ठगने वाले तीन जालसाजों को ऐप बेचा था। जिसके जरिए ठगों ने 28 गांववालों के बैंक खातों से 5 लाख रू चुराया था।
सिमरिया ताल, डबरा के 28 मजदूरोंं को पीएम दिशा (प्रधानमंत्री साक्षरता मिशन ) का हवाला देकर ठगी के तार महाराजगंज यूपी (नेपाल बार्डर) से जुड़े निले हैं। तीनों ठगों का गुरू महाराजगंंज का आईटीआई का छात्र आशीष कुमार रोनियार है।
सिमरिया ताल, डबरा के 28 मजदूरोंं को पीएम दिशा (प्रधानमंत्री साक्षरता मिशन ) का हवाला देकर ठगी के तार महाराजगंज यूपी (नेपाल बार्डर) से जुड़े निले हैं। तीनों ठगों का गुरू महाराजगंंज का आईटीआई का छात्र आशीष कुमार रोनियार है।
उसने ठग अशोक बघेल और उसके साथी रणवीर और उपेन्द्र बघेल को महाराजगंज में अपने ठिकाने पर बैठकर लोगों के ऑनलाइन खाते खाली करने के लिए ऐप बेचा था। उसके बदले आशीष ने ठगों से 10 हजार रू वसूला था। गांववालों की शिकायत पर स्टेट साइबर सेल ने तीनों ठगों को रांउडअप किया था। पूछताछ में अशोक बघेल उसके साथियों ने आशीष कुमार का नाम बताया था।
5 दिन डेरा, तब घेरा
स्टेट साइबर सेल के अधिकारियों ने बताया ठगों से आशीष कुमार का मोबाइल नंबर और नाम मिला था। उससे सर्च करने पर उसका पता महाराजगंज के गांव नौतनंवा का आया। उसे दबोचने के लिए टीम पहुंची तो पता चला अशीष कुमार का मकान तो यहां है। लेकिन वह खुद फूटीबारी में नाना के घर रहता है। वहां जाकर उसकी घेराबंदी की। आशंका थी आशीष को भनक लग गई तो नेपाल बार्डर लांघ सकता है। फिर उसे दबोचना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए टीम वहां 5 दिन डेरा डाले रही। उसकी ठोस लोकेशन हासिल कर ननिहाल से दबोचा ।
यह किया खुलासा
आशीष ने पुलिस को बताया उसने ठगी का गुर यू टयूब से सीखा है। उसमें फ्रॉड करने के तरीके देखे थे। फिर उनमें अपने स्तर पर कुछ प्रयोग किए। खुद एकनया ऐप बनाया। उसके लिए डोमिन लिया। एप को उसके जरिए प्रचारित किया। तमाम लोगों ने उसका ऐप देखा कई लोगों ने उससे एप खरीदने के लिए संपर्क किया।
कमेंट के जरिए संपर्क, बातों में डील
मास्टरमाइंड आशीष ने पुलिस को बताया अशोक बघेल ने उसका यू टयूब देखा था। फिर उस पर कमेंट किया। फिर उससे संपर्क किया। कई बार दोनों के बीच बात होती रही। फिर अशोक ने उससे एप देने की बात की। 10 हजार में सौदा तय हुआ।
कंपनी से संपर्क , बंद हुआ एप
आशीष के गिरफ्तार होने के बाद स्टेट साइबर सेल से आशीष के एप को प्रचारित करने वाली कंपनी से संपर्क किया। पुलिस की पूछताछ देखकर कंपनी ने उसका डोमिन बंद कर दिया।
यह है मामला
सिमरिया ताल निवासी तुलसीराम बघेल ने शिकायत की थी, 16 मार्च को उनके गांव में अशोक बघेल आया था। उसने खुद को नगरपालिका एजेंट बताया था। गांव वालों को इक्टठा कर बोला था, नगरपालिका सबके संबल कार्ड बना रही है। इसके अलावा आधार और आयुष्मान कार्ड अपडेट होंगे। अशोक ने गांववालों को से कहा था प्रधानमंत्री साक्षरता मिशन के तहत गांववालों को मोबाइल फोन और टेबलेट का इस्तेमाल करना सिखाया जा रहा है। वह गांववालों को तकनीकि तौर पर प्रशिक्षित करेगा। फिर वह खुद ईमेल, ऑनलाइन पेमेंट कर सकेंगे।
इनका कहना है
ठगी का एप तैयार करने का मास्टरमाइंड यूपी का निकला है। उसे राउंडअप किया गया है। पूछताछ में उसने खुलासा किया उसने ठगी करने का एप बनाया था। उसे तीनों ठगों को बेचा था। इसके अलावा और भी कई लोगों ने उससे एप बेचने के लिए संपर्क किया था।
सुधीर अग्रवाल स्टेट साइबर सेल एपी
5 दिन डेरा, तब घेरा
स्टेट साइबर सेल के अधिकारियों ने बताया ठगों से आशीष कुमार का मोबाइल नंबर और नाम मिला था। उससे सर्च करने पर उसका पता महाराजगंज के गांव नौतनंवा का आया। उसे दबोचने के लिए टीम पहुंची तो पता चला अशीष कुमार का मकान तो यहां है। लेकिन वह खुद फूटीबारी में नाना के घर रहता है। वहां जाकर उसकी घेराबंदी की। आशंका थी आशीष को भनक लग गई तो नेपाल बार्डर लांघ सकता है। फिर उसे दबोचना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए टीम वहां 5 दिन डेरा डाले रही। उसकी ठोस लोकेशन हासिल कर ननिहाल से दबोचा ।
यह किया खुलासा
आशीष ने पुलिस को बताया उसने ठगी का गुर यू टयूब से सीखा है। उसमें फ्रॉड करने के तरीके देखे थे। फिर उनमें अपने स्तर पर कुछ प्रयोग किए। खुद एकनया ऐप बनाया। उसके लिए डोमिन लिया। एप को उसके जरिए प्रचारित किया। तमाम लोगों ने उसका ऐप देखा कई लोगों ने उससे एप खरीदने के लिए संपर्क किया।
कमेंट के जरिए संपर्क, बातों में डील
मास्टरमाइंड आशीष ने पुलिस को बताया अशोक बघेल ने उसका यू टयूब देखा था। फिर उस पर कमेंट किया। फिर उससे संपर्क किया। कई बार दोनों के बीच बात होती रही। फिर अशोक ने उससे एप देने की बात की। 10 हजार में सौदा तय हुआ।
कंपनी से संपर्क , बंद हुआ एप
आशीष के गिरफ्तार होने के बाद स्टेट साइबर सेल से आशीष के एप को प्रचारित करने वाली कंपनी से संपर्क किया। पुलिस की पूछताछ देखकर कंपनी ने उसका डोमिन बंद कर दिया।
यह है मामला
सिमरिया ताल निवासी तुलसीराम बघेल ने शिकायत की थी, 16 मार्च को उनके गांव में अशोक बघेल आया था। उसने खुद को नगरपालिका एजेंट बताया था। गांव वालों को इक्टठा कर बोला था, नगरपालिका सबके संबल कार्ड बना रही है। इसके अलावा आधार और आयुष्मान कार्ड अपडेट होंगे। अशोक ने गांववालों को से कहा था प्रधानमंत्री साक्षरता मिशन के तहत गांववालों को मोबाइल फोन और टेबलेट का इस्तेमाल करना सिखाया जा रहा है। वह गांववालों को तकनीकि तौर पर प्रशिक्षित करेगा। फिर वह खुद ईमेल, ऑनलाइन पेमेंट कर सकेंगे।
इनका कहना है
ठगी का एप तैयार करने का मास्टरमाइंड यूपी का निकला है। उसे राउंडअप किया गया है। पूछताछ में उसने खुलासा किया उसने ठगी करने का एप बनाया था। उसे तीनों ठगों को बेचा था। इसके अलावा और भी कई लोगों ने उससे एप बेचने के लिए संपर्क किया था।
सुधीर अग्रवाल स्टेट साइबर सेल एपी