शुरुआत से ही रहा टीम का बेहतर प्रदर्शन
हर मैच को एकतरफा जीतते हुए आइटीएम ने अपनी जीत पक्की कर रखी थी। फाइनल मैच में मेजबान बैंगलूरु की ही यूनिवर्सिटी ऑफ मैसूर को 2-0 से हराकर चैम्पियनशिप जीती। इससे पहले सेमीफाइनल के लिए रांची यूनिवर्सिटी को 1-0 हराया। यह महत्वपूर्ण गोल अकांक्षा ने किया। इससे पहले पूल मैचेज में कोयम्बटूर से 6-0 से जीता। पंजाब यूनिवर्सिटी, पटियाला से 2-0 से जीता। इसके बाद मैंगलोर यूनिवर्सिटी से हुए मैच में 6-0 से हराया।
हर मैच को एकतरफा जीतते हुए आइटीएम ने अपनी जीत पक्की कर रखी थी। फाइनल मैच में मेजबान बैंगलूरु की ही यूनिवर्सिटी ऑफ मैसूर को 2-0 से हराकर चैम्पियनशिप जीती। इससे पहले सेमीफाइनल के लिए रांची यूनिवर्सिटी को 1-0 हराया। यह महत्वपूर्ण गोल अकांक्षा ने किया। इससे पहले पूल मैचेज में कोयम्बटूर से 6-0 से जीता। पंजाब यूनिवर्सिटी, पटियाला से 2-0 से जीता। इसके बाद मैंगलोर यूनिवर्सिटी से हुए मैच में 6-0 से हराया।
प्रतिभा, मनीषा और अकांक्षा के शानदार गोल
खेलो इंडिया के फाइनल में बारिश की वजह से खेलने में दिक्कत हो रही थी। इसलिए दोनों ही टीमें गोल नहीं बना पा रही थीं। तीन क्वार्टर के बाद आइटीएम की खिलाडिय़ों ने गोल करने में अपना पूरा जोर लगा दिया। आखिर में यूनिवर्सिटी ऑफ मैसूर विरोधी टीम के अटैक को बचा नहीं पाई। पहला गोल कैप्टन प्रतिभा आर्या ने मारा। दूसरा गोल मनीषा चौहान ने मारा। इन गोल के साथ ही आइटीएम ने एक बार फिर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
खेलो इंडिया के फाइनल में बारिश की वजह से खेलने में दिक्कत हो रही थी। इसलिए दोनों ही टीमें गोल नहीं बना पा रही थीं। तीन क्वार्टर के बाद आइटीएम की खिलाडिय़ों ने गोल करने में अपना पूरा जोर लगा दिया। आखिर में यूनिवर्सिटी ऑफ मैसूर विरोधी टीम के अटैक को बचा नहीं पाई। पहला गोल कैप्टन प्रतिभा आर्या ने मारा। दूसरा गोल मनीषा चौहान ने मारा। इन गोल के साथ ही आइटीएम ने एक बार फिर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
मप्र की पहली यूनिवर्सिटी, जिसने रचा दूसरी बार अभूतपूर्व कीर्तिमान
खेलो इंडिया 2020 में ऐतिहासिक जीत के बाद आईटीएम यूनिवर्सिटी मध्यप्रदेश की एकमात्र ऐसी यूनिवर्सिटी बन गई थी, जो न सिर्फ ’खेलो इंडिया’ के फाइनल तक पहुंची बल्कि चैम्पियनशिप का ताज भी अपने सिर सजाकर वापिस आई। मध्यप्रदेश के किसी भी शासकीय व निजी विश्वविद्यालयों को यह उपलब्धि अब तक हासिल नहीं हो पाई है। वहीं इस बार भी यही कीर्तिमान आईटीएम यूनिवर्सिटी की टीम ने जारी रखा और दूसरी बार भी गोल्ड लेकर आई।
खेलो इंडिया 2020 में ऐतिहासिक जीत के बाद आईटीएम यूनिवर्सिटी मध्यप्रदेश की एकमात्र ऐसी यूनिवर्सिटी बन गई थी, जो न सिर्फ ’खेलो इंडिया’ के फाइनल तक पहुंची बल्कि चैम्पियनशिप का ताज भी अपने सिर सजाकर वापिस आई। मध्यप्रदेश के किसी भी शासकीय व निजी विश्वविद्यालयों को यह उपलब्धि अब तक हासिल नहीं हो पाई है। वहीं इस बार भी यही कीर्तिमान आईटीएम यूनिवर्सिटी की टीम ने जारी रखा और दूसरी बार भी गोल्ड लेकर आई।
खिलाडिय़ों की सफलता पर दी बधाई
खिलाडिय़ों की सफलता पर आइटीएम की चांसलर रूचि सिंह चौहान, प्रो चांसलर डॉ दौलत सिंह चौहान, वाइस चांसलर डॉ एसएस भाकर, प्रो वाइस चांसलर डॉ एसएन खेडकऱ, रजिस्ट्रार डॉ ओमवीर सिंह, डीन फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोट्र्स डॉ कपिल दवे ने टीम को बधाई दी।
खिलाडिय़ों की सफलता पर आइटीएम की चांसलर रूचि सिंह चौहान, प्रो चांसलर डॉ दौलत सिंह चौहान, वाइस चांसलर डॉ एसएस भाकर, प्रो वाइस चांसलर डॉ एसएन खेडकऱ, रजिस्ट्रार डॉ ओमवीर सिंह, डीन फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोट्र्स डॉ कपिल दवे ने टीम को बधाई दी।
हमें एक-दूसरे पर भरोसा था, जीत पक्की होगी
हमने शुरू से ही सोच रखा था कि इस बार की चैम्पियनशिप भी हम जीतेंगे। हालांकि हमारे मैन प्लेयर्स भी कैम्प में चले गए थे। लेकिन हमें खुद पर भरोसा था। हमने खेल के दौरान भी अपनी टीम के हर खिलाड़ी पर भरोसा किया। सभी ने अच्छा खेला। फाइनल में बारिश होने पर स्टिक मैदान में लगाना भी मुश्किल हो रहा था, लेकिन हमने दो गोल किए और विरोधी टीम को शिकस्त देकर गोल्ड जीता।
नीलू डाडिया, सीनियर प्लेयर, आइटीएम यूनिवर्सिटी
हमने शुरू से ही सोच रखा था कि इस बार की चैम्पियनशिप भी हम जीतेंगे। हालांकि हमारे मैन प्लेयर्स भी कैम्प में चले गए थे। लेकिन हमें खुद पर भरोसा था। हमने खेल के दौरान भी अपनी टीम के हर खिलाड़ी पर भरोसा किया। सभी ने अच्छा खेला। फाइनल में बारिश होने पर स्टिक मैदान में लगाना भी मुश्किल हो रहा था, लेकिन हमने दो गोल किए और विरोधी टीम को शिकस्त देकर गोल्ड जीता।
नीलू डाडिया, सीनियर प्लेयर, आइटीएम यूनिवर्सिटी