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ग्वालियर के महेशचंद्र ने धारण किया संयम-वैराग्य का मार्ग

– कोलकाता में विराग सागर महाराज से ली क्षुल्लक दीक्षा

ग्वालियरOct 17, 2019 / 11:44 pm

Narendra Kuiya

ग्वालियर के महेशचंद्र ने धारण किया संयम-वैराग्य का मार्ग

ग्वालियर के महेशचंद्र ने धारण किया संयम-वैराग्य का मार्ग

ग्वालियर. शहर के महेशचंद्र जैन ने आचार्य विराग सागर महाराज से कोलकाता के दिगंबर बेलगच्चीय लाला मंदिर में जैनेश्वरी दीक्षा समारोह में क्षुल्लक दीक्षा ली। खासगी बाजार निवासी 65 वर्षीय महेशचंद्र के दीक्षा कार्यक्रम के दौरान ग्वालियर, भिंड, मुरैना, शिवपुरी आदि जगहों के श्रद्धालु मौजूद थे।
विराग सागर महाराज ने सम्पूर्ण मंत्रोच्चार एवं विधि विधान के साथ दीक्षार्थी धार्मिक क्रियाएं करके दीक्षा प्रदान की। जैसे ही महेशचन्द्र जैन दीक्षार्थी ने क्षुल्लक पद धारण किया वैसे ही अपनी धोती और टुपट्टे को श्रद्धालु के बीच फेंकी वैसे ही सदन में जयकारे गूंजने लगे। दीक्षा के उपरांत उन्हें नवनिर्मित नाम क्षुल्लक विश्वमार्दव सागर दिया गया। इसके बाद विराग सागर महाराज ने नव दीक्षार्थी के केशलोच किए। क्षुल्लक दीक्षा के दौरान महेशचंद्र जैन की सांसारिक पत्नी मंजू जैन, बेटी गुंजन बंसल, भाई गोपालदास जैन, बीना जैन, ऊषा बंसल आदि मौजूद थे।
दीक्षार्थी ने गुरू से निवेदन के बाद ली क्षुल्लक दीक्षा
दीक्षार्थी महेशचन्द्र जैन ने भक्ति गीतों के माध्यम से अपने सांसारिक से वैराग्य जीवन में जाने के लिए अनुमति मांगी। इसके बाद दीक्षार्थी ने आराधना करते हुए मंच पर विराजमान विराग सागर एवं मुनि संघ से आज्ञा मांगी और श्रीफल भेंट किया। जैसे ही विराग सागर महाराज ने दीक्षा लेने की अनुमति दी तो पूरा पंडाल तालियों की गडगड़ा़हट से गूंज उठा। इसके बाद विराग सागर महाराज ने दीक्षार्थी महेशचंद्र जैन से पूछा कि सोच लो अभी मौका है। क्षुल्लक पथ पर चलना तलवार की धार पर चलने के समान है। इस पर दीक्षार्थी महेशचन्द्र जैन ने क्षुल्लक बनने की भावना प्रकट की।
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