हॉस्टल की व्यवस्थाओं को लेकर भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। छात्रों द्वारा खाने का बहिष्कार किए जाने की जानकारी मिलने पर वार्डन डॉ. केशवसिंह गुर्जर पहुंचे और छात्रों से बात की। बातचीत में यह जानकारी भी सामने आई कि हॉस्टल में रह रहे 40 छात्रों ने फीस जमा नहीं की है और दबाव बनाने के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
दरअसल, जेयू के आर्यभट्ट, कैप्टन रूपसिंह, मृगनयनी और वीरांगना लक्ष्मीबाई हॉस्टल में बुंदेला कैटरर्स द्वारा भोजन दिए जाने का ठेका हुआ था। इस ठेके की अवधि 20 जून को समाप्त हो गई थी। इसके बाद भी जेयू ने तीन महीने की अवधि बढ़ाकर टेंडर होने तक भोजन बनाने की अनुमति प्रदान कर दी थी। आठ दिन पहले मृगनयनी गल्र्स हॉस्टल में छात्राओं को परोसी गई सब्जी और दही में कीड़े निकले थे और टमाटरों में भी फफूंद लगी थी।
यह देखने के बाद छात्राओं ने हंगामा करके खाने का बहिष्कार कर दिया था। इसके बाद जब छात्राएं कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला से मिलने गईं तो उन्होंने भी छात्राओं की सुनने की बजाय फटकार लगा दी। इसका वीडियो वायरल होने के बाद कुलपति छात्राओं से मिलने गईं और बेहतर भोजन व्यवस्था को लेकर आश्वासन दिया था। इसके बाद भी, अब तक भोजन व्यवस्था में बदलाव अभी तक नहीं हुआ है।
50 छात्रों ने लिखा है गुप्त पत्र
होस्टल में रह रहे 50 से अधिक छात्रों ने प्रबंधन को पत्र लिखकर खाने की समस्या का समाधान जाने का अनुरोध किया है। छात्रों ने लिखा है कि प्रदर्शन, धरना और हंगामे से उनका सरोकार नहीं है, इसकी वजह से उनकी पढ़ाई पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। भोजन के लिए जो भी व्यवस्था होना हो वह जल्द की जाए ताकि हम बिना किसी शोरशराबे के पढ़ाई पर ध्यान दे सकें।