खास बात यह है कि १ जून से जेयू बीएससी छठवें सेमेस्टर की परीक्षा शुरू करा रहा है और बीएससी पंचम सेमेस्टर की प्राइवेट परीक्षा देने वाले छात्रों का रिजल्ट अभी तक नहीं आया है। कंपनी ने अलग-अलग पाठ्यक्रमों के 231 परिणाम अभी तक जारी नहीं किए हैं। कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला ने शनिवार को कंपनी के प्रतिनिधि बुलाकर दो दिन में पेंडिंग रिजल्ट तैयार करने का नोटिस जारी किया है, जिसकी अवधि सोमवार को समाप्त हो जाएगी। सूत्र बताते हैं कि अवधि समाप्त होने के बाद भी अगर कंपनी ने काम में लापरवाही बरती तो जेयू नई कंपनी को काम देने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। मई 2018 के बाद के सभी रिजल्ट बनाने का कॉन्ट्रैक्ट कोलकाता की कंपनी से छीनकर नागपुर की कंपनी को दिया गया था। दिसंबर २०१८ में कंपनी को सभी बड़ी परीक्षाओं का रिजल्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई, जिसे कंपनी अभी तक ठीक से पूरा नहीं कर पाई है।
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कंपनी की लापरवाही और जेयू प्रशासन की उदासीनता के कारण बीए, बीकॉम और बीएससी पंचम सेमेस्टर की परीक्षा देने वाले छात्र दूसरे विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा से वंचित रह गए। इसके साथ ही हर वर्ष लगभग 80 हजार नए छात्रों को प्रवेश देने वाली जीवाजी यूनिवर्सिटी की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ रहे हैं। कंपनी की विफलताओं के बाद भी मेहरबान जेयू प्रबंधन क्लाउड स्पेस खरीदने के लिए 11 करोड़ रुपए से अधिक रकम खर्च करने की तैयारी में है।
कुलपति और कुलसचिव के नोटिस बेअसर
यह है कंपनी की मनमानी